Hindi News

indianarrative

Coronavirus और चीन दोनों को मुंह तोड़ जवाब दे रहा है भारत, America में बज रहा है India का डंका, देखें रिपोर्ट

Image Courtesy Google

भारत ने केवल कोरोना वायरस के खिलाफ जबरदस्त तरीके से निपट रहा है बल्कि चीन को भी एलएसी और ट्रेड दोनों मोर्चों पर इंडिया मुंह तोड़ जवाब दे रहा है। इंडिया की क्षमता और समस्याओं से निपटने की कार्य कुशलता का लोहा, अमेरिका का थिंक टैंक और वैज्ञानिक लोहा मान गए हैं।

पिछले करीब डेढ़ साल से पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में है। कई देशों में इस वायरस ने काफी तबाही मचायी है, इस संक्रमण के रोकथाम के लिए इस वक्त पूरी दुनिया में वैक्सीनेशन का काम जोरो पर चल रहा है। इस बीच भारत द्वारा दुनिया के अलग-अलग देशों की संस्थानों के साथ मिलकर तैयार किए गए कोविड टीके को लेकर अमेरिकी बाल रोग विशेषज्ञ ने कहा है कि, भारत ने विश्व को कोरोना महामारी से उबारा है, भारत के इस योगदान को कम नहीं मानना चाहिए।

कोरोना के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत का अहम योगदान

एक वेबिनार में अमेरिकी बाल रोग विशेषज्ञ पीटर हॉटेज ने कहा कि संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में भारत के सहयोग को कम नहीं मानना चाहिए। कोरोना के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत के योगदान की जानकारी दुनिया को नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि विश्व में कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए बनाए गए टीकों की मदद से आज दुनिया कुछ हद तक सफल हो पाई है। हॉटेज ने कहा कि अनुभव और जानकारी के कारण ही भारत को महामारी के दौरान में फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड कहा गया।

भारत की वैक्सीन दुनिया के लिए गिफ्ट है

इसके साथ ही हॉटेज ने कहा कि एमआरएनए के दो टीकों का दुनिया के कम और मध्यम आयवर्ग वाले देशों पर असर नहीं पड़ता, लेकिन भारत ने दुनिया को बचाया है। इसके योगदान को कम ना समझा जाए। कोविड रोधी वैक्सीन का विकास, "संक्रमण से लड़ने के खिलाफ दुनिया को भारत का गिफ्ट है"। इंडो अमेरिका चैंबर ऑफ कॉमर्स ऑफ ग्रेट ह्यूस्टन द्वारा आयोजन वेबिनार में हॉटेज ने कहा कि वैक्सीन ना केवल रोग को फैलने से रोकते हैं बल्कि आपको अस्पताल से दूर रखते हैं। साथ ही बिना लक्षण वाले रोगियों से संक्रमण नहीं फैलने देते।

दुनिया को पता होना चाहिए भारत का योगदान

वेबिनार में भारत के योगदान का उल्लेख करते हुए हॉटेज ने कहा कि मैं यह देख रहा हूं कि आप एक सिफारिश करते हैं और कुछ दिनों के भीतर ही वैक्सीन आपको मिल जाती है। अंत में उन्होंने यह भी कहा कि, मुझे यह बयान देने के लिए मजबूर नहीं किया जा गया है। बल्कि मैंने खुद यह महसूस किया है कि भारत के प्रयास के बारे में दुनिया के लोगों को जानकारी नहीं है।

अमेरिका पहले भी भारत को बता चुका है सच्चा मित्रा

इससे पहले अमेरिका ने भारत की तारीफ करते हुए सच्चा दोस्त बताया था। अमेरिका ने कहा था कि वह वैश्विक समुदाय की मदद करने के लिए अपने दवा क्षेत्र का उपयोग कर रहा है। बता दें कि भारत ने कोविड-19 टीकों की खेप भूटान, मालदीव, नेपाल, बांग्लादेश, म्यामांर, मॉरीशस और सेशेल्स को मदद के रूप में भेज चुका है। सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और मोरक्को को ये टीके व्यावसायिक आपूर्ति के रूप में भेजे गए हैं।