अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की मौत की गुत्थी उलझती जा रही है। नरेंद्र गिरी की मौत के बाद अब हरिद्वार के प्रॉपर्टी डीलर और कई संत रडार पर आ गए है। ये लोग लगातार नरेंद्र गिरी के संपर्क में थे। उधर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले की जांच CBI से कराने की सिफारिश की है। आपको बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि का शव सोमवार को प्रयागराज स्थित बाघंबरी मठ में पंखे से लटका मिला था। उनके पास से एक सुसाइड नोट भी मिला था।
महेंद्र गिरी के शव के पास से एक सुसाइड नोट मिला है। मंगलवार को पांच डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। रिपोर्ट में फांसी लगाने से मौत की पुष्टि हुई है। शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं मिले हैं। महंत नरेंद्र गिरि के निधन से पूरा संत समाज मर्माहत है। नरेंद्र गिरि को जानने वाले सभी संत आत्महत्या को नकार रहे थे। संत समाज लगातार इसे हत्या कहते हुए सीबीआई या न्यायिक अधिकारियों से जांच की मांग कर रहा था।
महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच अखाड़ा परिषद ने भी शुरू कर दी है। परिषद ने एक गोपनीय टीम का गठन किया है, जो अध्यक्ष की मौत के कारणों की तलाश करेगा। अखाड़ा परिषद ने इस मामले में पांच सदस्यीय टीम को जिम्मा दिया है। प्रयास रहेगा कि रिपोर्ट षोडशी के दिन तक आ जाए। अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरिगिरि ने बताया कि इस बात पर संदेह है कि बताया गया सुसाइड नोट महंत नरेंद्र गिरि का लिखा है।
महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में राज्य सरकार तो जांच करा ही रही है, लेकिन पूरे प्रकरण पर केंद्र सरकार की भी नजर है। खुद गृह मंत्री अमित शाह इस प्रकरण पर नजर रखे हुए हैं। गृहमंत्री किसी न किसी से जांच का अपडेट ले रहे हैं।