कश्मीर घाटी में पिछले दिनों हिंदू को निशाना बनाया गया। आतंकियों ने 5 दिनों में 7 बार अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले किए हैं। इन घटनाओं से घाटी में डर का माहौल है। खासकर के हिंदू और सिख समुदाय के लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने इसे रोकने के लिए सुरक्षा बलों को खुली छुट दे दी है। सुरक्षा बलों को सरकार का निर्देश है कि हत्या करने वाले आतंकियों का खत्मा करें।
पिछले 6 दिनों में घाटी में 7 नागरिकों की हत्या हुई है, जिनमें से 6 की हत्या शहर में हुई है। मृतकों में से 4 अल्पसंख्यक समुदाय से थे। इस आतंकवादी घटना की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएस)ने ली है। आर्टिकल370 हटने के बाद से पहली बार है कि कश्मीर इतना अशांत दिख रहा है। 7 अक्टूबर को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद, केंद्र ने फैसला किया है कि उसकी पहली प्राथमिकता अपराधियों को खत्म करना और फिर घाटी में उनको खड़ा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना है।
शुक्रवार की रात श्रीनगर के नाटीपोरा इलाके में पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी को मार गिराया। कश्मीर जोन पुलिस ने बताया कि आतंकियों ने श्रीनगर की पुलिस टीम पर गोलीबारी की। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की। मुठभेड़ के दौरान एक आतंकी को मार गिराया गया जबकि दूसरा फरार हो गया। जम्मू-कश्मीर में नागरिकों पर बढ़े हमलों के बीच श्रीनगर के ईदगाह इलाके में आतंकवादियों ने एक महिला प्रधानाध्यापक समेत सरकारी विद्यालय के दो शिक्षकों की गोली मार कर हत्या कर दी। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को निशाना बनाकर की गई इन हत्याओं के बाद से सुरक्षा बल नए खतरे को बेअसर करने के लिए श्रीनगर शहर के चप्पे-चप्पे को खंगाल रहे हैं क्योंकि केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी को भी जनता को आतंकित करने की अनुमति नहीं देंगे।