काबुल और इस्लामाबाद एक दूसरे की गलबहियां डाल रहे हैं तो बॉर्डर पर तालिबान और पाक फौज एक दूसरे के खून की प्यासी बनी हुई हैं। पाकिस्तानी सेना अफगान सीमा पर तारबंदी कर सीमा को सील करना चाहता है। पाकिस्तान कहता है कि यह डूरंड लाइन है और इसके एक तरफ अफगानिस्तान और दूसरी तरफ पाकिस्तान है।
अफगान तालिबान का कहना है कि उन्होंने कभी डूरंड लाइन को मान्यता नहीं दी है। यह लाइन अफगानियों को दो देशों में बांटती है। इसलिए यह लाइन उन्हें न कभी मंजूर थी और न मंजूर होगी। पूरा पश्तूनों का इलाका एक ही है और इसको बांटा नहीं जासकता। बस इसी बात को लेकर रविवार की रात और सोमवार दिन भर तालिबान और पाकिस्तान की ओर से तोपों से गोलाबारी जारी थी। पाकिस्तानी सेना ने तालिबानी ठिकानों पर तोपों से गोले बरसाना शुरू किए तो जवाब में तालिबानी आतंकियों ने गोले बरसाए हैं।
इससे पहले पाकिस्तान की सेना ने शुक्रवार को कहा था कि वह तालिबान के साथ सहमति के बाद ही सीमा डूरंड लाइन के बचे हुए काम को पूरा करेगी। लेकिन तालिबानी पाकिस्तानी सेना की ओर से लगाई जा रही बाड़ से सहमत नहीं हैं और वे लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। ताजा झड़प से पहले अब तक कई बार तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच बाड़ लगाने को लेकर हिंसक झड़प हो चुकी है।
अफगानिस्तान के बहुसंख्यक पश्तून और तालिबान ने कभी भी डूरंड लाइन को आधिकारिक सीमा रेखा नहीं माना है। तालिबान के शीर्ष प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने अफगानिस्तान पर कब्जे के तुरंत बाद कहा था कि नई अफगान सरकार इस मुद्दे पर अपनी रूख का ऐलान करेगी। उन्होंने दावा किया था कि पाकिस्तान की बनाई बाड़ ने लोगों को अलग कर दिया है और परिवारों को विभाजित कर दिया है। हम सीमा पर एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण माहौल बनाना चाहते हैं, इसलिए अवरोध पैदा करने की कोई जरूरत नहीं है।