यूक्रेन की जंग आने वाले दिनों में और भी भीषण होने वाली है। क्योंकि, रूस अब पूरी तरह से इसे कब्जे में करने के साथ ही नाटो से सुरक्षित करना चाहता है। इधर अमेरिका और नाटो यूक्रेन को लेकर भड़काने का काम कर रहे हैं जिसके बाद रूस संग तकरार और भी बढ़ गई है। दरअसल, NATO 35 हजार सैनिकों के साथ मिलिट्री एक्सरसाइज शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि यूक्रेन की मदद के लिए वो इन सैनिकों को जल्द भेजेगा। ऐसे में अगर नाटो यह कदम उठाता है तो यह जंग और भी भीषण हो जाएगी और पुतिन को फिर कोई नहीं रोक पाएगा।
इधर यूक्रेन की सेना का कहना है कि रूसी सैनिक कब्जे वाले स्थानों पर पैर जमाने की कोशिश कर रहे हैं। वो नए हमलों की तैयारी कर रहे हैं। यूक्रेन के जनरल स्टाफ ने दैनिक बुलेटिन में कहा कि, रूस नई रणनीति के साथ यूक्रेन में आगे बढ़ रहा है। वो हमारी सीमाओं तक आ गए हैं। उन्होंने कहा कि खार्किव, सूमी और ब्रोवारी के कीव उपनगर पर नए हमलों की आशंका बढ़ गई है। रूस ने यूक्रेन पर हमला शुरू करने से पहले कहा था कि वो यहां मिलिट्री ऑपरेशन चलाएगा। लेकिन यूक्रेनी राष्ट्रपति ने अपनी जनता को भी रूस के खिलाफ हथियार उठाने के लिए कह दिया है। ऐसे में जेलेंस्की ने अपने साथ आम लोगों को भी मुश्किल में डाल दिया है।
इधर नाटो ने 14 मार्च को रूसी सीमाओं के पास बड़े स्तर पर सैन्य अभ्यास करना शुरू कर दिया है। जिसमें 35 हजार सैनिक, 200 विमान और 50 युद्धपोत शामिल हैं। नाटो के इस अभियान को शुरू करने से एक दिन पहले रूस ने उसे पहली बार सीधा संदेश दिया। पश्चिम और नाटो के लिए अपने पहले सीधे संदेश में, रूस ने पोलैंड के साथ लगी सीमाओं से लगभग 25 किमी दूर यावोरिव में नाटो-अमेरिका-यूक्रेन के संयुक्त प्रशिक्षण केंद्र पर हमला किया है। लवीव के पश्चिमी शहर के पास यावोरिव बेस को 'पीसकीपर सेंटर' कहा जाता है। इसका इस्तेमाल यूक्रेन की सेना के प्रशिक्षण के लिए विदेशी प्रशिक्षकों, मुख्य रूप से यूएस फ्लोरिडा नेशनल गार्ड द्वारा किया गया है। ताकि यूक्रेन को रूस को चुनौती देने वाला नाटो बेस बनने के लिए तैयार किया जा सके।