अफगानिस्तान में घुस कर टीटीपी के कथित आतंकियों पर एयर स्ट्राइक करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। अफगान तालिबान ने पाकिस्तान आर्मी की इस कार्रवाई को अपनी संप्रभुता पर हमला माना है। अफगान तालिबान ने पाकिस्तान को खुलेआम चेतावनी दी है कि उसे अब इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा। तालिबान का कहना है कि 16 अप्रैल को पूर्वी अफगानिस्तान में पाकिस्तानी एयरफोर्स के हमले में 50 से ज्यादा निर्दोष महिला-पुरुष और बच्चों की मौत हो गई थी। तालिबान की चेतावनी पर पाकिस्तान की सरकार ने कहा है कि ये कार्रवाई टीटीपी के आतंकियों के खिलाफ की गई है।
पाकिस्तानी एयरफोर्स के इन हमलों से काबुल और इस्लामाबाद में तल्खी बेहद बढ़ चुकी है। तालिबान ने अपने लंबे समय के सहयोगी पाकिस्तान को धमकी जारी की। विशेषज्ञों ने कहा कि बढ़ते तनाव की जड़ टीटीपी पर नकेल कसने की तालिबान की अनिच्छा है, जो एक करीबी वैचारिक और संगठनात्मक सहयोगी है। अफगानिस्तान के अंदर अपने ठिकानों से, चरमपंथी समूह ने हाल के वर्षों में इस्लामाबाद के खिलाफ अपने विद्रोह को तेज कर दिया है।
अफगान तालिबान ने इस्लामाबाद और टीटीपी के बीच शांति वार्ता की मध्यस्थता की है, जिसे पाकिस्तानी तालिबान भी कहा जाता है। लेकिन चूंकि एक महीने तक चलने वाला एक अस्थायी युद्धविराम समाप्त हो गया और दिसंबर में शांति वार्ता विफल हो गई, इसलिए आतंकवादियों ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के खिलाफ सीमा पार से अपने हमले बढ़ा दिए हैं। अफगान मीडिया का कहना है कि अफगान तालिबान पाकिस्तान की इस मांग के आगे झुकने की संभावना नहीं है कि वह टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई करे या उसे पाकिस्तान में हमले करने से अफगान क्षेत्र का उपयोग करने से रोके।
अफगान मीडिया का कहना है कि, ‘पाकिस्तान के इशारे पर एक साथी इस्लामी समूह के खिलाफ सैन्य हमले में शामिल होना तालिबान की कहानी और इतिहास के खिलाफ होगा।’ पिछले दिनों दोनों ही पक्षों के बीच करीब 6घंटे तक गोलाबारी हुई थी और फिलहाल हालात तनावपूर्ण हैं। अफगान तालिबान ने कहा है कि पाकिस्तान सरकार उन सभी करारों पर अमल करे जो उसने टीटीपी के साथ किए हैं। ये उन दोनों के आपस का मामला है, लेकिन हम पाकिस्तान की आर्मी या एयरफोर्स को यह अनुमति नहीं दे सकते कि वो हमारी सीमाओं में घुसें बम गिराएं और हमारे निर्दोष नागरिकों को मार कर भाग जाएं। पाकिस्तान को उनके इस हिमाकत की सजा मिलेगी। अफगान तालिबान ने कहा है कि वो अब ज्यादा सब्र का इम्तहान नहीं दे सकते।