पाकिस्ता में इन दिनों कई चीजों को लेकर हलचल है। एक तो सियासी हलचल- नई सरकार बनने के बाद भी सियासत अभी खत्म नहीं हुआ है। इमरान खान को अब भी लग रहा है कि, वो सत्ता में वापसी कर सकते हैं। उधर देश की जनता भूख से तड़प रही है। देश में खाने की हर चीजों को दामों में भारी वृद्धि हो गया है। चाहे आटा, चावल, दाल या फिर क्योंन दूध हो हर चीजों के दामों में आग लगी है। देश पर विश्व कर्ज का भार बढ़ता जा रहा है। साथ ही अब नई मुसिबत आ खड़ी हुई है। देश में इस वक्त जनता बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज हो गई है जिसके बाद लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
दरअसल, पाकिस्तान दुनिया के उन 23देशों में से एक है जो पिछले दो वर्ष से अधिक समय से सूखे का सामना कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। संयुक्त राष्ट्र के 17जून को मरुस्थलीकरण और सूखा दिवस पर एक रिपोर्ट में बताया कि, पिछली सदी में एशिया में सबसे अधिक लोग सूखे से प्रभावित हुए। पाकिस्तान के अलावा संयुक्त राष्ट्री की सूची में शामिल अन्य 22देशों में अफगानिस्तान, अंगोला, ब्राजील, बुर्किना फासो, चिली, इथियोपिया, ईरान, इराक, कजाखस्तान, केन्या, लेसोथो, माली, मॉरितानिया, मेडागास्कर, मलावी, मोजाम्बिक, नाइजर, सोमालिया, दक्षिण सूडान, सीरिया, अमेरिका और जाम्बिया शामिल हैं।
रिपोर्ट की माने तो, 2050तक भारत और पाकिस्तान के आकार के जितने अतिरिक्त 40लाख वर्ग किलोमीटर प्राकृतिक क्षेत्रों को सूखे से निपटने के उपायों की आवश्यकता होगी। इसमें आगाह किया गया है कि धरती की 40फीसदी जमीन का क्षरण हो गया है, जिससे मनुष्यों की आधी आबादी पर असर पड़ा है। एक तरफ संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में पाकिस्तान को सूखाग्रस्त देश माना गया है तो वहीं उसके सिंध प्रांत में लोग पीने और जरूरी कामों के लिए पानी की कमी से जूझ रहे हैं। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक इसके चलते आपदा जैसे हालात पैदा हो गए हैं। इसके पीएछ पंजाब की ओर से नदियों का पानी छोड़ने की कमी भी है। इसके खिलाफ सिंध चेंबर ऑफ एग्रिकल्चर ने प्रदर्शन भी किया है।
रविवार को कराची स्थित प्रेस कल्ब के बाहर सिंध के एक्टिविस्ट्स ने प्रदर्शन किया। सिंधु युनाइटेड पार्टी के नेता रोशन अली बुरिरो ने कहा कि अब पाकिस्तान पीपल्स पार्टी देश की सत्ता में साझीदार है, इसके बाद बाद भी सिंध को उसके हिस्से का पानी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि, सिंधु नदी के पानी की लूंट चश्मा-झेलम लिंक नहर और थाल नहर के जरिए पंजाब की ओर से जा रही है। इसके बाद भी पीपीप ने चुप्पी साध ली है।