यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को आज जिस मुकाम पर पहुंचा दिया शायद ही अगले कई वर्षों तक कोई सरकार ऐसा कर पाती। आज भारत दुनिया के बड़े देशों में जगह बनाने में कामयाब हो गया है। हर कोई देश के साथ जुड़ना चाहता है। दुनिया के ताकतवर देशों में भारत का भी नाम शामिल हो चुका है। हर एक क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है यही वजह है कि दुनिया इंडिया के साथ जुड़ना चाहती है। चाहे वो अमेरिका हो, जापान, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेना या फिर कोई अन्य बड़ा देश हो हर कोई पीएम मोदी के साथ जुड़ना चाहता है। इस बीच पीएम मोदी ने ऐसी चाल चली है कि भारत के दरवाजे पर आकर 12 देश खड़े हो गए हैं और इसके इंडिया को बड़ा फायदा हो सकता है।
दरअसल, देश में भीषण गर्मी के चलते गेहूं की खेती में गिरावट आई है जिसके बाद केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर बैन लगा दिया है। लेकिन, जिन छोटे देशों को गेहूं की जरूरत है भारत प्रतिबंध के बाद भी उनकी मदद कर रहा है। हाल ही में मिस्र ने भारत से अनुरोध किया था जिसके बाद इंडिया की ओर से 61,500 टन गेहूं मिस्र को भेजा गया है। इसी के चलते भारत को बड़ा फायदा हुआ है। गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध के बाद भारत की तरफ से ये किसी देश को दी गई सबसे बड़ी खेप है। मिस्र की तरह ही करीब 12 देशों ने भारत से अनुरोध किया है कि वो उन्हें गेहूं का निर्यात करे।
मीडिया में आ खबरों की माने तो, इससे जुड़े एक अधिकारी ने अपने गोपनीयता छुपाते हुए बताया है कि, कम से कम एक दर्जन देश ऐसे हैं जो भारत से गेहूं के लिए राजनयिक स्तर पर अनुरोध कर रहे हैं। मिस्र को जितना गेहूं निर्यात किया जाना था, कस्टम ने उसमें से 17,160 टन गेहूं के निर्यात की अनुमति दी। अधिकारी ने कहा कि, भारत की तरफ से निर्यात पर प्रतिबंध प्रभावी होने से पहले ही मिस्र को भेजे जा रहे शिपमेंट के लिए क्रेडिट गारंटी सहित अनिवार्य औपचारिकताएं पूरी कर ली गई थीं।
मिस्र को भारत की तरफ से गेहूं की शिपमेंट मेरा इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड कर रहा है। प्रतिबंध के प्रभावी होने के बाद गेहूं की इस खेप के लिए शिप को कस्टम क्लीयरेंस दिया गया। ये खेप 17 मई को गुजरात के कांडला बंदरगाह से निकल गई थी। जिन 12 देशों ने भारत से गेहूं निर्यात करने के लिए कहा है वो गंभीर खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं। ऐसे में भारत इसपर जल्द ही फैसला लेगा।