पाकिस्तान में पिछले दिनों भारी बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया। बारिश के दौरान यहां सिंध प्रांत के पुरातात्विक स्थल मोहनजोदड़ो के करीब एक अनोखी प्राचीन वस्तु मिली है, जिसे ‘बुद्ध पेंडेंट’ कहा जा रहा है। ऐसे में अब इस पेंडेंट को दोबारा सही करने और उम्र को स्थापित करने के लिए विशेषज्ञों की राय मांगी गई है। बीते दिनों भारी बारिश के बाद पुरातात्विक महत्व की यह वस्तु मोहनजोदड़ों के दक्षिणी दीक्षित इलाके से मिली थी।
पुरातात्विक स्थल के करीब स्थित धनाड गांव के निवासी एवं निजी पर्यटक गाइड इरशाद अहमद सोलांगी ने बृहस्पतिवार को कहा कि बुधवार को हुई भारी बारिश के बाद उन्हें यह वस्तु एक गहरे स्थान पर मिली थी। खबर के मुताबिक, इस वस्तु के मिलने के बाद इरशाद ने तत्काल इसकी सूचना स्थल संरक्षक नवीद संगाह को दी। पुरातत्व विभाग के वरिष्ठ संरक्षणवादी अली हैदर ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि भारी बारिश के कारण ही अनूठी वस्तु सामने आ सकी।
खबर के मुताबिक, इस वस्तु के मिलने के बाद इरशाद ने तत्काल इसकी सूचना स्थल संरक्षक नवीद संगाह को दी। पुरातत्व विभाग के वरिष्ठ संरक्षणवादी अली हैदर ने भी इसकी पुष्टि की कि भारी बारिश के कारण ही अनूठी वस्तु सामने आ सकी। पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता और वर्तमान में ‘एंडोवमेंट फंड ट्रस्ट’ (ईएफटी) के परियोजना निदेशक के रूप में काम कर रहे मोहन लाल ने वस्तु की जांच करने के बाद इसकी पहचान ‘बुद्ध पेंडेंट’ के रूप में की।
भारतीय सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है मोहनजो-दारो
पुरातात्विक विरासत मोहनजो-दारो की खोज भारतीय पुरातत्ववेत्ता आरडी बनर्जी ने 1922 में की थी। यह सिंध प्रांत में सिंधु नदी के पूर्व में अर्धशुष्क क्षेत्र में स्थित है। 618 एकड़ का यह क्षेत्र सिंधु सभ्यता (2600-1900 बीसी) का सबसे बड़ा और सर्वोत्तम संरक्षित क्षेत्र है। इसे भारत की सांस्कृतिक विरासत माना जाता है।