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Supertech Twin Tower का बटन दबाकर अंदर भागे दत्ता, क्यों रोने लगे?

chetan dutta

Supertech Twin Towers को जमींदोज कर दिया गया है। रविवार को टावर्स मलबे के ढेर में तब्दील हो गया है। जब बीते दिन निर्धारित समयानुसार 2.30 बजे इसमें ब्लास्ट किया गया तो सिर्फ धुंआ ही धुंआ नजर आया। ब्लास्ट के लिए बटन दबाने वाले चेतन दत्ता के दिमाग में उस समय क्या चल रहा था, उसको उन्होंने मीडिया के साथ साझा किया है।

मीडिया से बातचीत पर का बोले चेतन दत्ता

मीडिया से बात करते हुए चेतन दत्ता ने बताया कि वे ट्विन टावर से सिर्फ 70 मीटर की दूरी पर थे। हम पांच लोग आपस में एक दूसरे से बात नहीं कर रहे थे। सिर्फ हम एक दूसरे का चेहरा देख रहे थे। बटन दबाने के बाद जैसे ही मैं देखने के लिए खड़ा हुआ तो वहां पर बिल्डिंग नहीं, सिर्फ धुआं था। इमारत गिरने के बाद हमने धूल के बैठने का इंतजार नहीं किया। जेब से मास्क निकाला और बिल्डिंग की तरफ भागे। हमारी पहली चिंता एमरेल्ड कोर्ट थी, उसे चेक किया, वो पूरी तरह सुरक्षित था।

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उन्होंने बताया, आधे घंटे पहले साइरन बजा दिया गया था। बटन दबाने के 9 से 10 सेकेंड में पूरी बिल्डिंग क्रैश कर गई। जैसा हमने सोचा था, बिल्कुल वैसा ही हुआ। ATS की तरफ हल्के से पत्थर गिरने पर कंपाउंड की दीवार तीन से चार मीटर तक टूटी है।

आगे चेतन दत्ता ने ही वो बटन दबाया था, जिसके बाद इस टावर में विस्फोट हुआ था। जैसे ही बिल्डिंग में विस्फोट हुआ, टावर गिरा, वहां मौजूद चेतन दत्त और उनकी टीम उसका असर जानने के लिए अंदर की ओर भागी। अंदर का नजारा देख चेतन दत्त रो पड़े थे, साथ ही उनकी आंखों में भी आंसू थे। दत्ता ने बताया कि हमने जैसा सोचा था वैसा ही हुआ।