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रूस संग PM Modi की दोस्ती इतनी कमजोर नहीं, US-Pak रिश्ते पर भारत का हमला

S. Jaishankar on US-Pakistan: अमेरिका चाहता है कि भारत रूस के खिलाफ उसका साथ दे और पुतिन से रिश्ता तोड़ ले। जबकि यह अमेरिका समय पाते ही भारत को धोखा देने से बाज नहीं आता। रूस और भारत की दोस्ती बेहद ही गहरी और पुरानी है। अमेरिका, भारत संग जो मजबूत रिश्ते की बात कर रहा था वो सिर्फ ढकोसला था। उसका मकसद था सिर्फ रूस के खिलाफ भारत को बोलवाने का। लेकिन भारत को अच्छे से पता था कि उसे क्या करना है और क्या नहीं। यही अमेरिका भारत में आतंकवाद फैलाने वाले पाकिस्तान (S. Jaishankar on US-Pakistan) के साथ फिर से रिश्तों में सुधार करने पर जोर दे रहा है। ऐसे में भारत ने अमेरिका को जमकर लताड़ लगई है। दरअसल, विदेश मंत्री एस जयशंकर इस वक्त ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर हैं। ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। यहां उन्होंने रूस से जुड़े एक सवाल पर पश्चिमी देशों को अपने अंदाज में आड़े-हाथों लिया। उन्होंने रूस से हथियार खरीदने को लेकर कहा कि पश्चिमी देशों ने दशकों तक भारत को हथियार नहीं दिया। इसलिए रूस से हथियार लेना पड़ा। इसके साथ ही जयशंकर ने कहा कि भारत को हथियार देने की जगह पश्चिमी देशों ने पाकिस्तान (S. Jaishankar on US-Pakistan) की सैन्य तानाशाही सरकार को हथियार दिए।

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रूस के साथ भारत का रिश्ता पुराना
विदेश मंत्री एस जयशंकर का कैनबरा में तिरंगा सम्मान के साथ स्वागत किया गया। इसके तहत ऑस्ट्रेलिया का संसद भवन तिरंगा के रंगों से चमकता हुआ दिखाई दिया। विदेश मंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘कैनबरा में तिरंगा स्वागत को पहुंचा। ऑस्ट्रेलिया की संसद को तिरंगा रंग में रंगा देख कर खुशी हुई। उन्होंने कहा कि, रूस के साथ हमारे लंबे समय से संबंध हैं और दोनों देशों के बीच ही ये अच्छे रहे हैं। हमारे पास सोवियत और रूसी मूल के हथियार पर्याप्त मात्रा में हैं।

पश्चिमी हमें हथियार देने के बजाय पाकिस्तान को दिये
इसके आगे उन्होंने कहा कि, रूसी हथियार कुछ खास कारणों से बढ़े हैं, उनमें से सबसे बड़ा कारण है कि दशकों तक पश्चिमी देशों ने भारत को हथियारों को आपूर्ति नहीं की। वह हमारे बगल में सैन्य तानाशाहों (पाकिस्तान) को पसंदीदा भागीदार के तौर पर देख रहा था। हम आंतरिक राजनीति में ऐसे निर्णय लेते हैं जो हमारे भविष्य और वर्तमान की स्थिति को प्रतिबिंबित करे। विदेश मंत्री ने अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका पर निशाना साधा है।

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खलिस्तान पर बोले विदेश मंत्री
कनाडा में खालिस्तान के मुद्दे पर भी बोलते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि, हमने समय-समय पर यह मामला कनाडा की सरकार के सामने रखा है। हमने यह बात रखी है कि लोकतांत्रिक देशों में जो आज़ादी मिली है उसका दुरुपयोग उन ताकतों द्वारा नहीं होना चाहिए जो हिंसा और कट्टरता का साथ देते हैं।