पोलैंड (Poland) में इतिहासकारों की टीम ने एक बड़ी खोज करने का दावा किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामरेकी बंकर में खुदाई करते वक्त इस टीम को एक बड़े सच का पता लगा है। टीम के हाथ खजाना लगा है और खाजने से भरा कमरा रेलवे ट्रैक के नीच ही था। यह अविश्वसनीय खोज जैक्वीज हिस्टोरिकल एंड एक्सप्लोरेटरी एसोसिएशन की तरफ से की गई है। एसोसिएशन की एक टीम पोलैंड (Poland) में मामेरकी बंकर में खुदाई कर रही थी और तभी रेल पटरियों और गाड़ी के पहियों से इसे ठोकर लग गई थी। ब्रिटिश मीडिया की मानें तो यह वह कमरा था जहां पर हिटलर ने युद्ध के दौरान चोरी किया हुआ खजाना छिपाया था।
चोरी का खज़ाना Poland में इतिहासकारों के लगा हाथ
टीम ने इन पटरियों को वार्मिया और माजुरी प्रांत में जमीन से पांच फीट नीचे खोदा है। यह जगह हिटलर के वुल्फ लैयर बंकर से कुछ मील की दूरी पर जर्मन सेना सुप्रीम कमांड का हेडक्वार्टर था। मामेरकी म्यूजियम के डायरेक्टर बार्टलोमिएज प्लेबन्स्की ने सोशल मीडिया पर इस नई खोज के बारे में ऐलान किया। उन्होंने कहा कि ममेरकी से वुल्फ लायर तक एक रेलवे ट्रैक है, यह बात तो सब जानते हैं। लेकिन इस बात का पता किसी को नहीं था एक रेलवे लाइन इसके अंदर ही मौजूद थी। उन्होंने बताया, ‘यह बहुत ही आश्चर्य की बात है क्योंकि हम नहीं जानते थे कि यहां से भी एक रेल ट्रैक गुजर रहा था।’
आखिर क्या था इस ख़ज़ाने का रहस्य?
जिस कमरे में खजाना मिला है, उसे सन 1700 के दशक में रूसी जा पीटर द ग्रेट के लिए बनाया गया था। सन् 1941 में सोवियत संघ के हमले के दौरान नाजियों ने इसे लूट लिया। लूटे जाने से पहले कमरा कीमती गहनों, सोने और कई बहमूल्य चीजों से भरा हुआ था। सेंट पीटर्सबर्ग के पास कैथरीन पैलेस से चोरी होने के बाद इस कमरे को लापता नाजी खजाने में लगा ‘हीरा’ माना जा रहा है।
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वहीं इतिहासकार इसे इसे ‘दुनिया का आठवां आश्चर्य’ तक कह रहे हैं। जनवरी 1945 में हवाई हमले और शहर पर हमले के बाद यह सारा खजाना गायब हो गया था। कुछ लोगों ने दावा किया कि बमबारी में सबकुछ खत्म हो गया। जबकि कुछ लोगों ने कहा कि हो सकता है नाजियों ने इसे सुरक्षा के लिए कहीं और ट्रांसफर कर दिया हो।