चीन (China) की एक निजी एयरोस्पेस कंपनी ने मीथेन और तरल ऑक्सीजन द्वारा संचालित दुनिया का पहला विशाल रॉकेट लॉन्च कर दिया है। इसके साथ ही चीन ने दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को इस मामले में पीछे छोड़ दिया। बता दें कि चीन की निजी एयरोस्पेस कंपनी लैंडस्पेस ने बुधवार सुबह 9 बजे गोबी रेगिस्तान में स्थित जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से जुके-2 नाम के रॉकेट को लॉन्च किया। इस रॉकेट की लॉन्चिंग सफल रही है और ये सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित हो गया है। यह उपलब्धि हासिल करने वाला ये दुनिया का पहला रॉकेट बन गया है, जो पूरी तरह से मीथेन और तरल ऑक्सीजन द्वारा संचालित है।
SpaceX को नहीं मिली सफलता
इस साल की शुरुआत में अमेरिका की रिलेटिविटी स्पेस कंपनी का टेरान 1 और स्पेसएक्स कंपनी का स्टारशिप मीथेन ऑक्सीजन से चलने वाले रॉकेट अपने पहले प्रयास में कक्षा में पहुंचने में विफल रहे थे। इससे पहले चीनी कंपनी ने 14 दिसंबर को जुक-2 नाम के रॉकेट को लॉन्च किया था, लेकिन तब ये कक्षा में स्थापित होने में फेल हो गया। लेकिन बुधवार को चीन ने अपने दूसरे प्रयास में ये मुकाम हासिल कर लिया।
एलन मस्क और जेफ बेजोस को दी मात
बुधवार को प्रक्षेपण ने मीथेन ईंधन वाले कैरियर व्हीकल्स को लॉन्च करने के दौड़ में चीन China) को एलन मस्क के स्पेसएक्स और जेफ बेजोस के ब्लू ओरिजिन समेत बाकी अमेरिकी प्रतिद्वंदी कंपनियों पर बढ़त दे दी है। इसे कम प्रदूषणकारी, सुरक्षित, सस्ता और फिर से इस्तेमाल होने वाले रॉकेट के लिए एक उपयुक्त ईंधन माना जाता है। इस सफल लॉन्चिंग के साथ ही लैंडस्पेस प्रोपलेंट रॉकेट लॉन्च करने वाली चीन की दूसरी निजी कंपनी भी बन गई है।
केरोसीन से भी रॉकेट उड़ा चुका है चीन
इसके पहले अप्रैल में बीजिंग तियानबिंग टेक्नोलॉजी ने केरोसिन-ऑक्सीजन रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। इससे ऐसे रॉकेट विकसित करने की दिशा में एक और कदम उठाया गया, जिन्हें दोबारा ईंधन भरकर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। चीनी वाणिज्यिक अंतरिक्ष कंपनियां 2014 से इस क्षेत्र में तेजी से आई हैं, जबसे जिनपिंग प्रशासन ने अंतरिक्ष उद्योग में निजी निवेश की अनुमति दी थी। लैंडस्पेस शुरुआती और सबसे अच्छे वित्त पोषित कंपनियों में से एक है।
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