माइक्रोसॉफ्ट-टिकटॉक सौदे को लेकर काफी समय से खबरें सामने आ रही हैं। ऐसे में सभी की नजर इस सौदे पर टिकी हुई है। इस बीच माइक्रोसॉफ्ट भारत की क्षेत्रीय (रीजनल) भाषा के सोशल मीडिया ऐप शेयरचैट में लगभग 10 करोड़ डॉलर का निवेश करने के लिए तैयार है।
इस मामले से परिचित लोगों ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया कि वार्ता शुरूआती चरण में है और माइक्रोसॉफ्ट का निवेश ऐप के मूल्य का लगभग तीसरा हिस्सा होगा। शेयरचैट अपने विस्तार के लिए नए सिरे से फंडिंग करने में जुटा हुआ है।
शेयरचैट के पास देश में 14 करोड़ से अधिक मासिक सक्रिय (एक्टिव) उपयोगकर्ताओं का यूजर बेस है।
ऐप 15 भाषाओं में उपलब्ध है, जिसमें हिंदी, मलयालम, गुजराती, मराठी, पंजाबी, तेलुगू, तमिल, बंगाली, ओडिया, कन्नड़, असमिया, हरियाणवी, राजस्थानी, भोजपुरी और उर्दू शामिल हैं।
शेयरचैट एक देसी ऐप है, जो कि कुल 15 स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध है और काफी विख्यात भी हो चुकी है। यही कारण है कि माइक्रोसॉफ्ट से पहले ट्विटर भी शेयरचैट में 10 करोड़ डॉलर का निवेश कर चुका है।
शेयरचैट ने पिछले महीने कहा था कि उसके शॉर्ट वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म मोज (एमओजे) ने लगभग एक हफ्ते में ही गूगल प्ले स्टोर से 50 लाख डाउनलोड पार कर लिए हैं।
इस ऐप को टिकटॉक के प्रतिबंधित होने के बाद बाजार में उतारा गया था। क्षेत्रीय भाषा के इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने अपनी दक्षता में सुधार व लागत कम करने के लिए गूगल क्लाउड में अपने बुनियादी ढांचे को पूरी तरह से स्थानांतरित या माइग्रेट कर दिया था।
इस ऐप के सक्रिय उपयोगकर्ताओ (एक्टिव यूजर्स) का एक बड़ा हिस्सा टियर-2 और टियर-3 शहरों से है, जिनमें से अधिकांश 2जी नेटवर्क पर निर्भर हैं।
यह खबर ऐसे समय में आई है जब माइक्रोसॉफ्ट कथित तौर पर चीनी शॉर्ट-वीडियो मेकिंग ऐप टिकटॉक का वैश्विक कारोबार हासिल करने का लक्ष्य बना रहा है, जिसमें भारत भी शामिल है, जहां ऐप पर प्रतिबंध है।
द फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट आधिकारिक तौर पर उत्तरी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में टिकटॉक के परिचालन को 50 अरब डॉलर में खरीदने के विचार में है।
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने टिकटॉक और वीचैट पर प्रतिबंध के आदेशों पर गुरुवार को हस्ताक्षर किए हैं।
वहीं माइक्रोसॉफ्ट पहले ही पुष्टि कर चुका है कि वह टिकटॉक के अमेरिकी व्यापार को खरीदने के लिए बातचीत के साथ आगे बढ़ना चाहता है।
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच चर्चा के बाद 15 सितंबर के आसपास यह सौदा हो सकता है।.