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पिरामिड का देश, सबसे लंबी नदी! जाने मिस्र देश से जुडी हैरान कर देने वाली बातें

अफ्रीका महाद्वीप के उत्तर पूर्व कोने पर मिस्र मौजूद है। मिस्र (egypt) का नाम सुन कर अक्सर हमारे दिमान में दुनिया की सबसे लंबी नदी, पिरामिड और रेत आते हैं। मगर इस देश की जड़ें 5000 साल पुरानी हैं। मिस्र ने फिरौन के उतार चढ़ाव को देखे हैं। इसके अलावा इस देश ने पिरामिड को बनते देखा है जो आज भी इंसानों के लिए रहस्य है। आज हम आपको मिस्र की पांच खास बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में शायद ही आज से पहले आपने सुना होगा। दुनिया के सात प्राचीन अजूबों में से इकलौता आज के समय मिस्र में मौजूद है। यह पिरामिड है। मिस्र की राजधानी काहिरा में यह मौजूद हैं। यही नहीं मिस्र की यात्रा पर जाने वाला हर व्यक्ति पिरामिड जरूर देखता है। ऐसा इस वजह से क्योंकि आपको यह शहर की हर इमारत से दिखाई देगा। खुफू का पिरामिड 146.7 मीटर ऊंचा है।

​मौत के बाद जीवन में करते थे विश्वास

पिरामिड प्राचीन मिस्र के राजा-रानियों का मकबरा है। पिरामिडों का निर्माण प्राचीन मिस्र के शासकों के शवों को रखने के लिए किया जाता था। ऐसा इसलिए क्योंकि प्राचीन मिस्र के लोग मौत के बाद का जीवन यानी आफ्टरलाइफ में विश्वास रखते थे। प्राचीन मिस्र के लोग मानते थे कि उन्हें एक अच्छे आफ्टरलाइव के लिए सख्त नियमों को मानना पड़ेगा और इसमें जीवित लोग मदद करते हैं। यही वजह है कि शवों को ममी में बदला जाता था

सैकड़ों देवी-देवताओं की होती थी पूजा

मिस्र के लोग सैकड़ों देवी-देवताओं को पूजते थे। अपने जीवन में बैलेंस बनाए रखने के विश्वास के साथ वह ऐसा करते थे। हालांकि मिस्र में समय-समय पर नए देवी-देवता आते रहते थे। आपको शायद मिस्र के बारे में यह फैक्ट पता हो कि यहीं दुनिया की सबसे लंबी नदी बहती है। लेकिन क्या आपको पता है कि इसका महत्व कितना है। इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि मिस्र की 95 फीसदी आबादी नील नदी के किनारे पर रहती है।

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12 महीने का कैलैंडर मिस्र में बना

तारीखों को जानने के लिए हम कैलेंडर का इस्तेमाल करते हैं। समय-समय पर अलग-अलग सभ्यताओं ने अपने कैलेंडर बनाए थे। लेकिन आज हम जिस कैलेंडर का इस्तेमाल करते हैं वह मिस्र के प्राचीन लोगों ने बनाया था। हालांकि उनके कैलेंडर के हर महीने में सिर्फ 30 दिन होते थे। साल में सिर्फ 360 दिन होते थे।

स्वेज नहर मिस्र में है

सामरिक रूप से महत्व रखने वाली और दुनिया में इंजीनियरिंग का चमत्कार मानी जाने वाली स्वेज नहर 1869 में मिस्र में बनकर तैयार हुई थी। इस नहर के जरिए भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ा गया था। इसने समुद्री व्यापार में क्रांति ला दी।

आईएन ब्यूरो

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