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वाराणसी की मुस्लिम बहनों के 'रामदीपक' से रोशन होगी दिवाली

<p id="content">प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मुस्लिम बहनें इस बार दीपावाली में हिंदू भाइयों के घर रोशन करने के लिए रामदीपक तैयार कर रही हैं। मुस्लिम महिला फाउंडेशन एवं विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में मुस्लिम महिलाएं लमही के श्री इंद्रेश आश्रम में दीपावली के लिए भारत की मिट्टी एवं गाय के गोबर से विशेष रामदीपक तैयार कर रही हैं। चाइना के झालर का बहिष्कार का संदेश देने वाली मुस्लिम महिलाएं प्रतिदिन सैकड़ों रामदीपक तैयार कर रही हैं, जिसे शहर के प्रतिष्ठित लोगों और हिंदू परिवारों को अपने हाथ से वितरित करेंगी, जिससे दीपावली पर रोशनी की जा सके।

इन मुस्लिम महिलाओं ने मिट्टी और गोबर का दीपक बनाने के लिए घरेलू पद्धति को अपनाया है। कुछ महिलाएं विभिन्न रंगों से दीपक को रंग-बिरंगा बना रही थीं, तो कुछ दीपक पर सितारा टिक्की लगाकर खूबसूरत बना रही हैं। अपने पड़ोसी हिंदू परिवारों को दीपक देने के लिए महिलाएं तरह-तरह से दीपक सजा कर रोशनी करने की तैयारी में जुटी हुई हैं। दीपावली पर मुस्लिम महिलाएं प्रदूषण मुक्त रामदीपक तैयार कर रही हैं।

मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि काशी की मुस्लिम महिलाओं ने 'सौहार्द का दीपक' बनाकर दिया है। दीपावली भगवान श्रीराम के अयोध्या आगमन के अवसर पर मनाई जाती है। अधर्म पर धर्म की विजय दिलाकर प्रभु श्रीराम जब अयोध्या लौटे तो उस वक्त पूरी दुनिया राममय हो गई थी। आज धार्मिक कट्टरता से जूझते विश्व को शांति और सद्भावना की तलाश है। इसीलिए मुस्लिम महिलाएं रामदीपक के जरिए उजाला करने के लिए इन दिनों खूब मेहनत कर रही हैं।

मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर हनुमान चालीसा फेम नाजनीन अंसारी ने बताया कि नफरत का अंधेरा चाहे जितना गहरा हो, दीपक का मामूली प्रकाश भी अंधेरे को खत्म करने की ताकत रखता है। अधर्म, नफरत, हिंसा को खत्म करने के लिए पूरी दुनिया को राम नाम का सहारा लेना चाहिए। रामदीपक विश्व के सांस्कृतिक प्रकाश का प्रतीक है। जहां भी राम नाम का दीपक जलेगा, हिंसा और नफरत खत्म होगी।

विशाल भारत संस्थान की राष्ट्रीय महासचिव अर्चना भारतवंशी ने कहा कि देश सांस्कृतिक संबंधों से चलता है। महिलाओं ने हिंसा और नफरत खत्म करने की कमान अपने हाथों में ले ली है।

डॉ. राजीव ने कहा, "राम के प्रति आस्था परिवार, समाज और देश को जोड़ने का काम करती है। राम विश्व के समस्त देशों के निवासियों के पूर्वज हैं, इसलिए समस्त देशों को अपने देश में राम की संस्कृति को अपनाना चाहिए, तभी पूरा विश्व शांति की तरफ जाएगा। रामपंथ पूरी दुनिया के संस्कृतियों के बीच संबंध स्थापित करेगा।"

मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नजमा परवीन ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी दीपावली के अवसर पर भगवान श्री राम की आरती मुस्लिम महिलाओं द्वारा की जाएगी। हम शांति और सौहाद्र्र की वकालत करते रहेंगे। कट्टरपंथियों से विश्व को बचाने के लिए मुस्लिम महिलाओं को आगे आना होगा।</p>.

पंकज श्रीवास्तव

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