Ukraine-Russia War होली के अवसर पर पीएम मोदी की जंग रोकने की कोशिश, मिलवाएंगे पुतिन और जेलेंसकी के हाथ

<p>
भारत और फ्रांस की कोशिशें हैं कि किसी भी तरह रूस और यूक्रेन की जंग रोकी जा सके। पीएम मोदी की कोशिश है कि होली के अवसर पर दोनों देशों के लीडर दुश्मनी भूल कर एक दूसरे के नजदीक आ जाएं। एक ओर यूक्रेन पर हमले के बाद से ही रूस पर पश्चिमी देश कड़े से कड़े प्रतिबंध लगा रहे हैं। रूस से तेल खरीदने पर भी पश्चिमी देशों ने बैन लगा दिया है। इस साथ ही अमेरिका का ये कहना है कि पूरी दुनिया भर रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों का साथ दे। भारत और रूस की दोस्ती कितनी पुरानी और धनीष्ठ है यह बताने की जरूरत नहीं है। जब यूएन में रूस के खिलाफ मतदान हुए थे तब भारत ने अपने आपको इससे अलग कर लिया था। जिसे देश रूसी राष्ट्रपति गदगद हो गए थे। वहीं, अमेरिका ने दुनिया से रूस के सामानों को नहीं खरीदने के लिए कहा। इस बीच भारत ने अपनी दोस्ती निभाते हुए पुतिन को बड़ा तोहफा दिया है।</p>
<p>
दरअसल, हाल ही में आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि, रूस भारत से तेल के साथ अन्य सामानों को छूट के साथ खरीदने की पेशकश की थी। जिसके बाद भारत ने भरोसा दिलाते हुए कहा था कि वह रूस के सामनों को खरीदेगा। अब भारत की रिफाइनरी कंपनियों ने रूस से रियायती दर पर तेल खरीदने के प्रयास तेज कर दिए हैं। मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, इंडियन ऑयल कार्पोरेशन के बाद अब हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड ने रूस से 20 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदा है। इंडियन आयल कारपोरेशन के बाद हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड ने रूसी क्रूड ऑयल खरीदने के लिए यूरोपीय व्यापारी विटोल को माध्यम बनाया है।</p>
<p>
वहीं, मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड ने भी 10 लाख बैरल कच्चे तेल के लिए एक निविदा जारी की है। पश्चिमी देशों ने रूस पर जो प्रतिबंध लगाया है उसके बाद कई देशों ने रूस से दूरी बना ली। जिसके चलते रूस के कच्चे तेल बाजार में भारी छूट पर मिल रहे हैं। इस छूट के कारण भारत की रिफाइनरी कंपनियों ने रूस से तेल खरीदने का फैसला किया है।</p>
<p>
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक,  देश की शीर्ष ऑयल कंपनी इंडियन आयल कार्पोरेशन ने पिछले हफ्ते के आखिर में यूरोपीय व्यापारी विटोल के माध्यम से 30 लाख बैरल यूराल कच्चा तेल खरीदा था, जिसकी मई में डिलीवरी होनी है। इसके साथ ही हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड ने इस सप्ताह 20 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदा है। इसकी भी मई में डिलीवरी होनी है। उधर विदेश मंत्रालय का कहना है कि, भारत अपनी अधिकांश तेल आवश्यकताओं का आयात करता है। इसलिए, हम अपनी तेल आवश्यकताओं के आयात की स्थिति के कारण वैश्विक ऊर्चा बाजारों में हमेशा सभी संभावनाएं तलाश रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि रूस एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है।</p>

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

7 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

7 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

7 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

7 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

7 months ago