अर्थव्यवस्था

Adani ने FPO वापस लेकर, पप्पू और पप्पू के गप्पुओं की खुशी काफूर कर दी!

पप्पू के गप्पू खुश तो बहुत हो रहे होंगे क्यों कि पीएम मोदी के(कथित तौर पर) एक दोस्त अडानी की किश्ती तिजारती भंवर में डोलने लगी। पप्पू और पप्पुओं के गप्पुओं को लगा कि अब मोदी जी भी डोलने लगेंगे। लेकिन पीएम मोदी ऐसा बजट लेकर आए कि बेचारे हिडेनबर्ग का हिडन एजेंडा ही फेल हो गया। घर की महिलाओं से लेकर मिडिल क्लास, जिसे हमेशा बकरा बनाया जाता था वो पहली बार खुश दिखा।
बहरहाल, दिन भर चले ड्रामेबाजियों के बीच भी अडानी एफपीओ ओवर सब्सक्राइब किया मगर रात बजने से पहले ही अडानी पप्पू और और पप्पुओं के गप्पुओं का जश्न फीका कर दिया। ढक्कन खुले रहे गए। शिप करने वाले टकीला शॉट लेने लगे। अडानी ने अपना ओवर सब्सक्राइव्ड एफपीओ वापस ले लिया। मतलब ऐलान कर दिया सुबह ही 20 हजार करोड़ सारे निवेशकों को वापस कर दिया जाएगा।

अभी आया समझ में कि नहीं! जो 20 हजार करोड़ यूं ही वापस कर सकता हो तो उसकी अपनी माली हैसियत कितनी ज्यादा होगी।

चलो जो हुआ तो अच्छा हुआ। गौतम अडानी ने पनी फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का 20,000 करोड़ रुपये का एफपीओ वापस ले लिया। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि मार्केट में चल रही अस्थिरता खत्म होते ही वो नया एफपीओ फिर से जारी करेंगे।

अडानी ने एक बयान में कहा कि पिछले हफ्ते कंपनी के शेयर में काफी उतार चढ़ाव के बावजूद एफपीओ मंगलवार को सफलतापूर्वक बंद हुआ। कंपनी और उसके कारोबार के प्रति आपका भरोसा हमारा विश्वास बढ़ाने वाला है जिसके लिए हम आपके आभारी हैं। बुधवार को भी कंपनी के शेयर में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव रहा। असाधारण परिस्थितियों के मद्देनजर, कंपनी के बोर्ड ने फैसला किया है कि एफपीओ पर आगे बढ़ना नैतिक रूप से ठीक नहीं होगा। निवेशकों का हित हमारे लिए सर्वोपरि है और उन्हें किसी तरह के संभावित नुकसान से बचाने के लिए बोर्ड ने एफपीओ को वापस लेने का फैसला किया है।

अडानी ग्रुप के चेयरमैन ने कहा, ‘कई लोगों को इस फैसले पर आश्चर्य हो रहा होगा कि फुली सब्सक्राइब होने के बावजूद इसे वापस क्यों लिया गया। लेकिन मार्केट में कल आए उतारचढ़ाव के बाद बोर्ड को लगा कि इस एफपीओ को आगे बढ़ाना नैतिक रूप से सही नहीं होगा। चार दशक की आंट्रप्रन्योर के तौर पर यात्रा के दौरान मुझे खासतर पर निवेशकों का भारी सपोर्ट मिला है। मुझे जीवन में जोकुछ हासिल हुआ है, उसकी वजह निवेशकों का भरोसा है। मेरी सफलता में उनकी वजह से है। मेरे लिए निवेशकों का हित सबसे ऊपर है और बाकी चीजें बाद में हैं। इसलिए निवेशकों को संभावित घाटे से बचाने के लिए हमने एफपीओ को वापस लेने का फैसला किया है।

दरअसल, अडानी एंटरप्राइजेज के खिलाफ हिडन एजेंडा चलाने वालों की चाल को गौतम अडानी ने समय रहते पहचान लिया। एफपीओ वापस ले लिया। क्यों कि ऐसा माना जा रहा था कि कुछ लोग इसी एफपीओ को निशाना बनाने जा रहे थे। अब उनकी योजना धरी की धरी रह गई।

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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