बुधवार की शाम ट्विटर सीईआई जैक डोर्सी और फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग के साथ अमेरिकी सीनेट के सामने पेश होने से पहले अल्फाबेट और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा, "मैं समिति से धारा 230 में किसी भी बदलाव के बारे में विचार करने और परिवर्तनों से होने वाले परिणामों को लेकर जागरूक रहने का आग्रह करूंगा, क्योंकि इसका असर व्यवसाय और ग्राहकों पर हो सकता है।"
अल्फाबेट और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा है कि अमेरिका की कम्युनिकेशन डिसेंसी एक्ट की धारा 230 गूगल को सूचनाओं की व्यापक श्रृंखला तक पहुंचने की सुविधा देती है। साथ ही उच्च श्रेणी की स्थानीय पत्रकारिता को भी ऐसी ही पहुंच देती है और लोगों की जानकारियों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी भी लेती है।
धारा 230 में कहा गया है कि "इंटरैक्टिव कंप्यूटर सेवा देने वाला कोई भी सर्विस प्रोवाइडर या उपयोगकर्ता किसी अन्य सूचना प्रदाता द्वारा दी गई किसी भी जानकारी का प्रकाशक या वक्ता नहीं माना जाएगा।" अमेरिकी कानून के तहत इंटरनेट फर्मों को आमतौर पर उन सामग्रियों की जिम्मेदारी से छूट दी जाती है जो उपयोगकर्ता प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करते हैं।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे कार्यकारी आदेश के माध्यम से चुनौती दी है, जो कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म द्वारा 'संपादकीय निर्णयों' को लेकर दी जाने वाली चेतावनी को हटाने की धमकी देता है।
पिचाई ने कहा कि गूगल इंटरनेट के अवसरों और जोखिमों दोनों के बारे में गहराई से जागरूक है। उन्होंने कहा, "मुझे गर्व है कि सर्च, जीमेल, मैप्स और फोटोज जैसी गूगल की फ्री सूचना सेवाएं औसत तौर पर हर अमेरिकी को हजारों डॉलर देती हैं। हमने उच्च गुणवत्ता वाली पत्रकारिता को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, इसमें हर महीने पूरी दुनिया में समाचार वेबसाइटों को 24 बिलियन विजिट भेजने से लेकर समाचार प्रकाशकों के साथ हाल ही में साझेदारी में किए गए 1 बिलियन डॉलर के निवेश तक शामिल है।"
पिचाई ने जोर देकर कहा, "हम बिना किसी राजनीतिक पूर्वाग्रह के काम करते हैं।"
अमेरिका ने इंटरनेट के इतिहास की शुरूआत में ही धारा 230 को अपना लिया था। यह कंटेन्ट बनाने और उसे साझा करने की स्वतंत्रता भी देती है और सभी प्लेटफार्मों और सेवाओं को यह बताने की क्षमता भी देती है कि यह सामग्री हानिकारक है।
पिचाई ने कहा, "आखिर में हम सभी का एक ही लक्ष्य है कि हम हर किसी को सूचनाओं तक पूरी पहुंच दें और लोगों के डेटा की सुरक्षा की जिम्मेदारी लें।"
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी सीनेट की सुनवाई गूगल के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग के मुकदमे के बमुश्किल एक हफ्ते बाद हुई है।.
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