हर किसी का सपना होता हैं कि उनका अपना एक घर हो, लेकिन लिमिटिड सैलरी के चलते ये सपना पूरे होने में काफी समय लग जाता हैं। होम लोन एक ऐसा विकल्प है जिससे लोन पर पैसा लेकर आप अपने सपनों का महल तैयार कर सकते ह। लेकिन यही होम लोन लेने के दौरान अगर आपने ये कुछ गलतियां कर दी तो आपके लिए ये सिरदर्द बन जाएगा, ऐसे में होम लोन लेने से पहले कई चीजों का ध्यान में रखना काफी जरूरी है ताकि आने वाली परेशानियों से बचा जा सके। वहीं, होम लोन लेने के कई फायदे मिलते हैं… आईए जानते हैं कौन-कौन से फायदे मिलते हैं।
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होम लोन के मूलधन रिपेमेंट और ब्याज के भुगतान पर टैक्स लाभ उठा सकते हैं, टैक्सपेयर्स सेक्शन 80C के तहत होम लोन पर मूलधन के रिपेमेंट के लिए एक साल में 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकता है। यह सेक्शन 80C की ओवरऑल लिमिट के भीतर है, जो ईएलएसएस, पीपीएफ, जीवन बीमा और एनपीएस जैसे टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में किए गए निवेश पर कटौती की भी अनुमति देता है।
इसके साथ ही होम लोन पर ब्याज भुगतान पर भी टैक्स का फायदा उठा सकते हैं। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24B के तहत, कोई व्यक्ति होम लोन पर चुकाए गए ब्याज पर 2 लाख रुपए तक की कटौती का दावा कर सकता है। हालांकि, ये टैक्स लाभ केवल तभी उबलब्ध हैं जब आप धारा 80C(2)(xviii)(c) के तहत उल्लिखित कुछ संस्थाओं / व्यक्तियों से होम लोन लेते हैं।
उपरोक्त सेक्शन के मुताबकि, सेक्शन 80C के तहत कटौती का दावा करने के लिए एक बैंक, सहकारी बैंक, नेशनल बैंक या होम फाइनेंस कंपनियों आदि से होम लोन लिया जाना चाहिए। अगर कोई टैक्सपेयर अपने एम्प्लॉयर से होम लोन लेता है, जहां एम्प्लॉयर सार्वजनिक कंपनी या पब्लिक सेक्टर की कंपनी-यूवीवर्सिटी-को-ऑपरेटिव सोसाइटी या कोई केंद्र या राज्य सरकार है, तो वह सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट का फायदा उठा सकता है।
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इसके अलावा, सेक्शन 80EE के तहत उपलब्ध 50,000 रुपये का अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट और सेक्शन 80EEA के तहत उपलब्ध 1.5 लाख रुपये का अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट्स बिना रजिस्टर्ड यूनिट पर लिए गए होम लोन पर नहीं मिलेगा।