अर्थव्यवस्था

पाकिस्तान में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बीच लाभ मार्जिन में गिरावट से आपस में छीना-झपटी

पाकिस्तान में काम कर रही बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं, इससे नये निवेश में कमी आयेगी। आर्थिक संकट के साथ-साथ बिगड़ती राजनीतिक और सुरक्षा की स्थिति भी इसका एक बड़ा कारण है। घटते विदेशी मुद्रा भंडार के कारण बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लाभ मार्जिन में भारी गिरावट आ गयी है।

आने वाले दिनों में ख़ासकर आम चुनाव नजदीक आने के साथ ही पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में सुधार की संभावना तो नहीं दिखती है।

कई लोगों को इस बात का डर है कि पाकिस्तान का यह संकट कई फ़र्मों को या तो बंद करने के लिए मजबूर कर देगा या फिर संचालन को धीमा कर देगा, जिससे बेरोज़गारी और बढ़ेगी।

“स्थिति और भी ख़राब हो सकती है, जिससे बेरोज़गारी में और वृद्धि हो सकती है। लेकिन, चिंता इतनी ही नहीं है। एक विश्लेषक का कहना है कि वेतन पैकेज भी कम हो सकता है या कई लोगों के वेतन में भी कटौती हो सकती है।

इस महीने की शुरुआत में ऑटोमोबाइल की प्रमुख  कंपनी होंडा ने एक दबावपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क के साथ-साथ कच्चे माल की कमी के कारण अपना प्लांट बंद करने की घोषणा की है।

पाकिस्तान का केंद्रीय बैंक- स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान द्वारा विदेशी मुद्रा के बहिर्वाह को सीमित करने वाले कड़े प्रतिबंधों ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों को देश के बाहर शेयरधारकों को लाभांश भेजने के लिए हाथ-पांव मारना छोड़ दिया है। पाकिस्तानी रुपये के तेज़ मूल्यह्रास ने भी लाभांश के मूल्य का भारी क्षरण किया है। इतना ही नहीं डॉलर बचाने के लिए आयात प्रतिबंधों के कारण कच्चे माल की कमी के साथ-साथ बार-बार बिजली कटौती भी चिंता का कारण बन गयी है।

अब अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से 7 अरब डॉलर के सहायता पैकेज की बहाली पर अनिश्चितता इनमें से कई कंपनियों को अपनी पाकिस्तान रणनीति पर फिर से काम करने के लिए प्रेरित कर सकती है।

पाकिस्तान बिज़नेस काउंसिल (पीबीसी) के सीईओ एहसान मलिक ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि भेजी जाने वाली रक़म में होने वाली देरी “संभावित (विदेशी) निवेशकों को बहुत नकारात्मक संकेत देती है।”

जुलाई से फ़रवरी के बीच कुल लाभ प्रत्यावर्तन(profit repatriation) 225 मिलियन डॉलर था- पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में यह 80 प्रतिशत की भारी गिरावट को दर्ज करता है। अख़बार का कहना है कि इसमें से हांगकांग स्थित बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपने मुख्यालय में 84.3 मिलियन डॉलर वापस कर दिए, इसके बाद चीनी फ़र्मों ने 34.4 मिलियन डॉलर अपने देश भेज दिए। अमेरिकी फ़र्मों की यह राशि 26.3 मिलियन डॉलर थी। यूके स्थित कंपनियों द्वारा यह प्रत्यावर्तित राशि 15.1 मिलियन डॉलर थी और संयुक्त अरब अमीरात स्थित फ़र्मों की यह राशि 11.5 मिलियन डॉलर थी।

Mahua Venkatesh

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago