जो लोग मोदी सरकार की विकास नीति और उन नीतियों के ज़मीन पर उतरने पर सवाल उठाते हैं,उनके लिए यह आंकड़ा कई जवाबों में से एक है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान भारत में पाइप गैस नेटवर्क लगभग 10 गुना बढ़ गया है।
जहां 2013-14 में यह पाइप लाइन सिर्फ़ 66 जिलों में थी,वहीं 2022-23 में ऐसे ज़िलों की संख्या बढ़कर 630 हो गयी है। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपने ट्विटर टाइमलाइन पर इस उपलब्धि को साझा किया। कनेक्शन के लिहाज़ से यह आंकड़ा 25.4 लाख से बढ़कर 103.93 लाख हो गया है,जो कि चार गुनी बढ़ोत्तरी को दिखाता है।
पुरी ने अपने ट्वीट में कहा है,”सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क ने सुविधाजनक और किफ़ायती ईंधन की पेशकश को लेकर बड़े पैमाने पर क़दम उठाए हैं। यह नेटवर्क जहां 2014 में सिर्फ़ 66 ज़िलों में था,लगीं सीजीडी नेटवर्क 2023 में 630 ज़िलों में फैल गया है। रेलू पीएनजी कनेक्शनों की संख्या 2014 में महज़ 25.40 लाख थी,जो इस समय बढ़कर 103.93 लाख हो गयी है।”
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा दे रही है, जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने के लिए लिक्विफ़ाइड नेचुरल गैस (एलएनजी), ग्रीन हाइड्रोजन, कंप्रेस्ड बायो-गैस (सीबीजी), इथेनॉल शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुरी के ट्वीट को साझा किया और लिखा, “ये अच्छे नंबर हैं। मैं उन सभी की सराहना करता हूं, जिन्होंने इस कवरेज को पूरा करने के लिए वर्षों तक की कड़ी मेहनत की है।”
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