भारतीय रेलवे ने गरीब कल्‍याण रोजगार अभियान के अंतर्गत 18 सितम्‍बर 2020 तक छह राज्‍यों-बिहार, झारखण्‍ड, मध्‍य प्रदेश, ओडिशा, राजस्‍थान और उत्‍तर प्रदेश में 9 लाख 79 हजार 557 दिहाड़ी रोजगार प्रदान किये हैं।
रेल तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इस योजना के तहत इन परियोजनाओं की प्रगति और इन राज्यों के प्रवासी मजदूरों के लिए काम के अवसरों की प्रगति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। इन राज्यों में लगभग 164 रेलवे अवसंरचना परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
18 सितंबर 2020 तक 12 हज़ार 276 श्रमिकों को इस अभियान से जोड़ा गया है और ठेकेदारों को कार्यान्वित की जा रही परियोजनाओं के लिए 2056.97 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। रेलवे ने प्रत्येक जिले के साथ- साथ राज्यों में भी नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं ताकि राज्य सरकार के साथ घनिष्ठ समन्वय स्थापित हो सके।
रेलवे ने कई ऐसे कार्यों की पहचान की है जिन्हें इस योजना के तहत क्रियान्वित किया जा रहा है। ये कार्य इस प्रकार से हैं: (i) समतल क्रॉसिंग के लिए नज़दीकी सड़कों का निर्माण और रखरखाव, (ii) रेलवे ट्रैक के किनारे गाद वाले जलमार्ग, खाइयों तथा नालों की सफाई और विकास, (iii) रेलवे स्टेशनों तक पहुंचने के लिए समीपवर्ती सड़कों का निर्माण और रखरखाव, (iv) मौजूदा रेलवे तटबंधों और उपमार्गों की मरम्मत तथा चौड़ीकरण, (v) रेलवे भूमि की अंतिम सीमा तक वृक्षारोपण और (vi) मौजूदा तटबंधों, उपमार्गों और पुलों का संरक्षण कार्य।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुए प्रवासी मजदूरों की आर्थिक समस्याओं को दूर करने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए 20 जून 2020 को गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की थी। अनेक राज्यों से वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों की बड़ी संख्या को उनके अपने क्षेत्रों और गांवों में आजीविका के अवसर प्रदान करना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत टिकाऊ ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी।
125 दिनों का यह अभियान मिशन मोड में चलाया जा रहा है और इसमें 6 राज्यों के 116 जिलों में 25 तरह के कार्यों और गतिविधियों का क्रियान्वयन शामिल है। इन प्रदेशों बिहार, झारखण्‍ड, मध्‍य प्रदेश, ओडिशा, राजस्‍थान और उत्‍तर प्रदेश में दूसरे राज्यों से वापस लौटे प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या है। इस अभियान के तहत अनेक सार्वजनिक कार्य किए जा रहे हैं, जिसमें 50,000 करोड़ रुपये का व्यय होना निर्धारित किया गया है।
यह अभियान 12 अलग-अलग मंत्रालयों तथा विभागों के बीच एक संयुक्त प्रयास है। इसके तहत ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन और राजमार्ग, खान, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि से सम्बंधित 25 सार्वजनिक निर्माण कार्यों और गतिविधियों से संबंधित कार्यान्वयन को तेज करने के लिए आजीविका के अवसरों में वृद्धि की  जा रही है।.
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