अर्थव्यवस्था

रूस के पास भारतीय रुपये के उपयोग के कई विकल्प, एफ़डीआई और सरकारी प्रतिभूतियां बन सकते हैं नये रास्ते

प्रतिबंधों से जूझ रहा रूस अपनी संचित भारतीय मुद्रा का उपयोग सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के लिए या ग्रीनफ़ील्ड या ब्राउनफ़ील्ड परियोजनाओं के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के माध्यम से भी कर सकता है। इसके अलावा द्विपक्षीय व्यापार का विस्तार भी कर सकता है, क्योंकि नई दिल्ली और मास्को रुपये-रूबल भुगतान तंत्र को काम करने के तरीकों पर आक्रामक रूप से देखते हैं। इस भुगतान ढांचे के लिए अधिक स्थायी समाधान निकालने के लिए दोनों देशों के बीच व्यापक बातचीत चल रही है।
प्रधान मंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य, संजीव सान्याल ने इंडिया नैरेटिव को बताया, “रुपये के कारोबार में कुछ दिक्कतें हैं। ये शुरुआती समस्यायें स्वाभाविक हैं, लेकिन चर्चा चल रही है और हम इसे (रुपया-रूबल भुगतान संरचना) केवल प्रतिबंधों को कम करने वाली प्रणाली के रूप में नहीं,बल्कि एक दीर्घकालिक प्रणाली के रूप में देख रहे हैं।”

रूस भी भारत से आयात बढ़ाने का इच्छुक है।
फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) के महानिदेशक और सीईओ अजय सहाय ने कहा कि दोनों पक्ष मुद्दों को सुलझाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘इस पर काम चल रहा है और हम जल्द ही किसी समाधान पर पहुंचेंगे। दोनों देशों के बीच व्यापार का विस्तार भी राडार पर है..कई अन्य विकल्प हैं, जिनके द्वारा रूस रुपये का उपयोग कर सकता है।” सहाय ने कहा कि रूस के साथ आर्थिक जुड़ाव भविष्य में और गहरा होगा।
इससे पहले, रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट में कहा था कि भुगतान तंत्र पर दोनों देशों के बीच बातचीत रुकी हुई है।
लावरोव ने शुक्रवार को भारत में संवाददाताओं से कहा, “रुपये को लेकर एक समस्या है, क्योंकि भारतीय बैंकों में खातों में अरबों रुपये जमा हैं और हमें इस पैसे का उपयोग करने की आवश्यकता है।” रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने हाल ही में कहा, “इसके लिए रुपये को अन्य मुद्राओं में परिवर्तित किया जाना चाहिए। इस पर चर्चा हो रही है।”

पिछले एक साल में रूस से भारत का तेल आयात लगातार बढ़ा है। एनर्जी कार्गो ट्रैकर वोर्टेक्सा के अनुसार, नई दिल्ली ने अप्रैल में मॉस्को से 1.68 मिलियन बैरल प्रति दिन (एमबीडी) कच्चे तेल का आयात किया – मार्च में 1.61 एमबीडी से 4 प्रतिशत अधिक। रूस अब भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है।
प्रतिबंधों के हिस्से के रूप में रूसी बैंकों और कंपनियों को स्विफ्ट – अंतर्राष्ट्रीय भुगतान तंत्र से भी काट दिया गया है। स्विफ्ट भुगतान प्रणाली के समाप्त होने के साथ ही भारत और चीन सहित कई देशों ने आक्रामक रूप से ग़ैर-डॉलर व्यापार को बढ़ावा देने और अपनी स्वयं की मुद्राओं का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की क़वायद शुरू कर दी है।
चूंकि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) रुपये का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने के लिए पहले से ही उपाय कर रहा है, इसलिए इसने 18 देशों में विदेशी बैंकों को भारतीय मुद्रा में भुगतान के लिए वोस्ट्रो खाते खोलने की अनुमति दे दी है।
भारत ईरान के साथ भी रुपये में इसी तरह की भुगतान व्यवस्था पर विचार कर रहा है और ईरान पर भी अमेरिका के नेतृत्व वाले प्रतिबंधों लागू हैं।

Mahua Venkatesh

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

7 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

7 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

7 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

7 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

7 months ago