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Wipro Share Price: शेयर बाजार की बुलंदियों पर पहुंचे Wipro के शेयर, चौथी तिमाही में रिकॉर्ड मुनाफा

विपरो ने कमाया रिकॉर्ड मुनाफा

Wipro Share Price: शेयर मार्केट में विप्रो ने धमाल मचा रखा है। कोविड लॉक डाउन का जहां देश के इंडस्ट्री सेक्टर पर विपरीत प्रभाव हुआ है वहीं आईटी सेक्टर चौथी तिमाही में रिकॉर्ड 27.7 फीसदी बढोत्तरी की है। 16 अप्रैल के कारोबार में विप्रो 9 फीसदी की तेजी के साथ 472 रुपये के भाव पर पहुंच गया, जो शेयर के लिए रिकॉर्ड हाई है। गुरूवार को शेयर 430.70 रुपये के भाव पर बंद हुआ था। विप्रो के लिए चौथी तिमाही मजबूत रहा है। इस दौरान कंपनी के आईटी कारोबार में अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है। इस अवधि में कंपनी को काफी बड़े डील मिले हैं और ऑपरेटिंग मार्जिन में भी सुधार हुआ है।

विप्रो का चौथी तिमाही आईटी सर्विसेज में रेवेन्यू ग्रोथ तिमाही आधार पर 3 फीसदी रही है। हालांकि सैलरी हाइक के चलते एबिट मार्जिन 21 फीसदी रहा है। लेकिन अन्य कास्ट कंट्रोल के चलते यह भी उम्मीद से बेहतर है। चौथी तिमाही में कंपनी को 12 बड़ी डील हासिल हुई हैं। कंपनी का आर्डरबुक 33 फीसदी बढ़कर 710 करोड़ डॉलर का हो गया है।

विप्रो का कंसोलिडेटिड नेट प्रॉफिट 31 मार्च 2021 को खत्म होने वाली चौथी तिमाही में सालाना आधार पर 27.7 फीसदी बढ़कर 2,972 करोड़ रुपये रहा है। विप्रो को एक साल पहले की समान अवधि में 2,326।1 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ था। कंपनी का रेवेन्यू इस तिमाही के दौरान 3.4 फीसदी बढ़कर 16,245.4 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। पूरे वित्त वर्ष में कंपनी का कंसोलिडेटिड नेट प्रॉफिट 11 फीसदी बढ़कर 10,796.4 करोड़ रुपये रहा है। विप्रो का 2020-21 में सालाना रेवेन्यू 1।5 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 61,943 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक मजबूत आर्डरबुक और बड़ी डील हासिल करने के बाद भी विप्रो की 1QFY22 के लिए रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस निराश करने वाली है। विप्रो ने 1QFY22 के लिए सीसी टर्म में तिमाही आधार पर रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस 2-4 फीसदी रखी है। ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि पिछले कुछ साल में विप्रो टियर 1 कंपनियों में अंडरपरफॉर्मर रहा है। हेल्थकेयर और ENU जैसे चैलेजिंग वर्टिकल्स में ज्यादा एक्सपोजर होने के चलते ऐसा हुआ है। हालांकि मैनेजमेंट की ग्रोथ फोकस्ड स्ट्रैटेजी से मिड से लांग टर्म में फायदा होगा। लेकिन नियर टर्म की बात करें तो रीस्ट्रक्चरिंग और निवेश के चलते मार्जिन पर दबाव दिख सकता है।