अर्थव्यवस्था

China में युवाओं को सपने देखने का अधिकार नहींं,तेजी से बढ़ रही है बेरोजगारी

China में बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है। आंकड़ों के मुताबिक चीन में पिछले चार साल में बेरोजगारी दर दोगूनी हो गई है। वहीं,नए कॉलेज ग्रेजुएट्स के जॉब जाने से इसके और बढ़ने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 10 सालों तक बेरोजगारी की ये समस्या कम नहीं होने वाली है।

China में जीरो कोविड पॉलिसी के चलते लंबे समय से इकॉनमी में सुस्ती के बाद अब चीन को बेरोजगारी  की समस्या सबसे बिकराल होती जा रही है।चीन में नए ग्रेजुएट युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है। विशेषज्ञों की माने तो अगले 10 वर्षों तक चीन में बेरोजगारी की समस्या कम नहीं होने वाली है। वहीं, चीन इस समस्या को दबाना चाहती है।

चीनी कॉलेजों में बताई जा रही है वास्तविकता

चीनी कॉलेजों में पढ़ रहे युवाओं से कहा जा रहा है कि अब वो बड़े सपने देखने छोड़ दें।और उंचे वेतन वाली जॉब्स के पीछे न भागें।दक्षिण-पश्चिमी चीन में चोंगकिंग मेट्रोपॉलिटन कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वार्षिक समारोह में छात्रों को अपने सपने पूरे करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया गया। हां उन्हें वर्तमान स्थिति की वास्तविकता से जरूर अवगत कराया गया।कॉलेज के चेयरमैन हुआंग जोंगमिंग ने 9000 से अधिक ग्रेजुएट्स से कहा, ‘आपको अधिक बड़े सपने नहीं देखने चाहिए या काम को लेकर नकचढ़ा नहीं बनना चाहिए। क्योंकि मौके बहुत कम हैं।’

चीनी बेरोजगारी दर 21.3 फीसदी 

रिकॉर्ड संख्या में चीनी ग्रेजुएट्स नौकरी के लिए मार्केट में निकल पड़े हैं।इससे बेरोजगारी काफी अधिक बढ़ जाएगी, जो पहले से ही ज्यादा है। जून में 16 से 24 साल की उम्र वाले युवाओं के लिए चीन की बेरोजगारी दर रिकॉर्ड 21.3 फीसदी पर जा पहुंची थी।

रोजगार के लिए कॉलेजों करे पहल-चीन

ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि नौकरी के लिए ग्रेजुएटों की संख्या में इजाफा के बाद जुलाई में यह काफी बढ़ गई होगी। इस समस्या के समाधान के लिए संघर्ष कर रहे सरकारी पॉलिसीमेकर्स चाहते हैं कि कॉलेज ही ग्रेजुएट्स को जॉब दिलाने के लिए अधिक प्रयास करें।

कॉलेजों में छात्रों की संख्या में इजाफा

पिछले 3 दशकों में जैसे-जैसे चीन की इकॉनमी तेजी से बढ़ी, अधिकाधिक लोग कॉलेज गए। इसे बेहतर करियर पाने के एक माध्यम के रूप में देखा गया। राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में जाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या 1992 के 7,54,000 से बढ़कर 2022 में 1.1 करोड़ हो गई।

वहीं,इस साल 1.16 करोड़ स्टूडेंट्स के चीन के कॉलेजों में जाने का अनुमान है। यह संख्या अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। आने वाले समय में इस संख्या के और बढ़ने का अनुमान है। वहीं, इकॉनमी पहले की तरह नहीं बढ़ रही है।

4 साल बेरोजगारी दर दोगुनी

China में युवा बेरोजगारी दर पिछले 4 वर्षों में दोगुनी हो गई है। यह वह समय था जब जीरो कोविड पॉलिसी के चलते आर्थिक अस्थिरता पैदा हुई, जिससे कंपनियां नई भर्तियां करने में हिचकिचाईं। इसके अलावा सरकार की सख्ती ने ऑनलाइन एजुकेशन, टेक्नोलॉजी और रियल एस्टेट जैसी किसी समय एक्टिव रहने वाली इंडस्ट्रीज को कम कर दिया है। चीन की इकॉनमी ने भी उच्च वेतन वाली वाइट कॉलर जॉब्स पैदा नहीं की हैं। इससे नौकरियों में कंपटीशन तेजी से बढ़ा है।

अगले 10 वर्षों में भी कम नहीं होगी समस्या

रेनमिन यूनिवर्सिटी ऑफ चाइना के थिंकटैंक चाइना मैक्रोइकॉनमिक फोरम की जून रिपोर्ट में कहा कि बेरोजगारी की समस्या एक दशक तक कम नहीं होने वाली है। साथ ही रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि अगर इस समस्या को ठीक से हेंडल नहीं किया गया तो ये समस्या और भी भयावह हो सकती है,और राजनीतिक समस्याएं भी पैदा हो सकती है।

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आईएन ब्यूरो

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