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भारत को जल्द मिलेगी बायोलॉजिकल-ई वैक्‍सीन, केंद्र सरकार ने 30 करोड़ डोज की बुक, जानें कितने में खरीदी ?

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कोरोना महामारी से लड़ने के लिए टीकाकरण अभियान तेज कर दिया है। इस अभियान को रफ्तार देने के लिे भारत सरकार ने अब 'बायोलॉजिकल-ई वैक्‍सीन' की 30 करोड़ डोज बुक कर दी है। इसके लिए सरकार एडवांस पेमेंट भी कर चुकी है। इसकी जानकारी खुद स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने दी। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने बताया कि जो वैक्‍सीन बायोलॉजिकल-ई बना रही है, वो रिसेप्‍टर-बाइंडिंग डोमेन प्रोटीन सब-यूनिट वैक्‍सीन है। इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए इसमें एक एडजुवेंट सीपीजी 1018 भी मिलाया गया है।</p>
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'बायोलॉजिकल-ई वैक्‍सीन' दो डोज में उपलब्‍ध होगी। पहली डोज के 28 दिन बाद दूसरी डोज लगेगी। केंद्र सरकार इस वैक्‍सीन की 30 करोड़ डोज के लिए 1500 करोड़ रुपये देगी यानी उसे एक डोज के लिए 50 रुपये चुकाने होंगे। प्राइवेट मार्केट में वैक्‍सीन की कीमत अभी तय नहीं है। हालांकि इस वैक्‍सीन को दुनिया की सबसे सस्‍ती वैक्‍सीन बताया जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, वैक्‍सीन की कीमत 1.5 डॉलर प्रति डोज यानी करीब 110 रुपये हो सकती है।</p>
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अभी भारत में बनी कोविडशील्ड ही सबसे सस्‍ती है जो गुड़गांव में 650 रुपये प्रति डोज मिल रही है। हालांकि कोविडशील्ड वैक्‍सीन ऑक्‍सफर्ड-अस्‍त्राजेनेका के रिसर्चर्स ने तैयार की है और उत्‍पादन भारत में हो रहा है। वैक्‍सीन की मैनुफैक्‍चरिंग अगस्‍त से शुरू हो जाएगी यानी उसके सितंबर से सेंटर्स पर उपलब्‍ध होने की संभावना है। तारीख को लेकर सरकार ने स्‍पष्‍ट रूप से कुछ नहीं कहा है। अभी तक यही बोला गया है कि अगले कुछ महीनों में वैक्‍सीन उपलब्‍ध होगी।</p>
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देश में अबतक तीन कोविड-19 वैक्‍सीन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी दी गई है। जनवरी में सीरम इंस्टिट्यूट‍ ऑफ इंडिया की कोविडशील्ड और भारत बायोटेक की को-वैक्सीन को अप्रूवल मिला था। इन तीनों में से भारतीयों को सबसे ज्‍यादा डोज कोविशील्‍ड की लगी हैं। करीब 90% लोगों को यही वैक्‍सीन दी गई है। कोवैक्‍सीन कई जगह उपलब्‍ध नहीं हो पा रही। हालांकि दोनों वैक्‍सीन की सप्‍लाई जुलाई-अगस्‍त से रफ्तार पकड़ने की उम्‍मीद है। स्‍पूतनिक वी की ज्‍यादा डोज भारत में उपलब्‍ध नहीं हैं। इस वैक्‍सीन का भारत में उत्‍पादन डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज समेत कुछ अन्‍य कंपनियां कर रही है।</p>

आईएन ब्यूरो

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