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Lata Mangeshkar Birthday: लता मंगेशकर की ‘लव स्टोरी’ अधूरी क्यों रह गई, यहां पढ़ें दिल को छू लेने वाली कहानी!

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बॉलीवुड इंडस्ट्री की लेजेंट सिंगर लता मंगेशकर आज 92वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रही हैं। सोशल मीडिया पर लाखों-करोड़ों फैंस उन्हें जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं दे रहे हैं। वहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लता दीदी को जन्मदिन की बधाईयां दी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा- 'आदरणीय लता दीदी को जन्मदिन की बधाई। उनकी सुरीली आवाज पूरी दुनिया में गूंजती है। भारतीय संस्कृति के प्रति उनकी विनम्रता और जुनून के लिए उनका सम्मान किया जाता है। व्यक्तिगत रूप से, उनका आशीर्वाद महान शक्ति का स्रोत है। मैं लता दीदी के लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।'

 
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था। उनके पिका दीनानाथ मंगेशकर मशहूर संगीतकार थे। महज 5 साल की उम्र में ही उन्होंने गाना गाना शुरु कर दिया था। 13 साल की उम्र में उनके ऊपर से पिता का साया उठ गया और उनके ऊपर घर की सारी जिम्मेदारी आ गई। ऐसे में पांचों भाई-बहनों का ख्याल रखना लता मंगेशकर के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी थी। शुरुआत में उन्हें काफी रिजेक्शन का सामना करना पड़ता था। लेकिन उन्होंने हाल नहीं मानी। फिल्ममेकर एस मुखर्जी ने लता मंगेशकर को पहला मौका दिया। इसके बाद उन्होंने खूब मेहनत की और इंडस्ट्री में एक मुकाम हासिल किया।

 
1962 में लता मंगेशकर गंभीर रूप से बीमार हो गईं। डॉक्टरों को उनके मेडिकल जांच के लिए बुलाया गया तो पता चला उन्हें प्वाइजन यानी धीमा जहर दिया गया था। 3 दिन तक तो उनकी हालत बहुत गंभीर थी। इससे लता मंगेशकर शारीरिक रूप से कमजोर हो गई थीं और 3 महीने तक बिस्तर पर पड़ी रहीं। इस घटना के बाद उनका कुक बिना पैसे लिए घर से गायब हो गया था। दिवंगत गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी लगातार लता मंगेशकर के घर उन्हें देखने जाते थे। वह पहले उनका खाना चखते थे उसके बाद ही उन्हें खाने की अनुमति देते थे।

 
लता मंगेशकर ने अपने करियर में 50 हजार से ज्यादा गानें गाए। उनका ये गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हैं। यही नहीं, लता मंगेशकर को भारत रत्न, पदम विभुषण, पदम भूषण और दादा फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका हैं। यही नहीं, 1974 में वो पहनी भारतीय महिला थीं, जिन्होंने लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल में परफॉर्म किया था। लता जी अपने निजी जिंदगी को लेकर काफी सुर्खियों में रहती थी। खबरों की मानें तो वो डूंगरपुर राजघराने के महाराजा राज सिंह से बेहद प्यार करती थी। लेकिन ये इश्क उनका मुक्कमल नहीं हो पाया। बताया जाता हैं कि महाराजा राज सिंह ने अपना माता-पिता से वादा किया था कि वो किसी आम घर की लड़की को घराने की बहू नहीं बनाएंगे। अपने प्यार के चलते लता जी ने आज तक शादी नहीं की। लता की तरह राज ने भी जीवन भर कुंवारे रहे। 12 सितंबर 2009 को राज सिंह का निधन हो गया।