Meena kumari बॉलीवुड की बेहतरीन अदाकारा, बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत हीरोइनों में शुमार मीना कुमारी ने कई साल फिल्म इंडस्ट्री पर राज किया।जिसकी एक अदा पर सारे सिने प्रेमी न्योछावर हो जाते थे।मीना कुमारी ने न जाने कितने बेहतरीन और उम्दा सिनेमा में बड़े-बड़े कलाकारों के साथ काम किया। लेकिन क्या आपको पता है कि उसी मीना कुमारी की आख़िरी वक्त कैसे गुजरा। किस गुरबत में अपनी आख़िरी जिंदगी गुजारी मीना कुमारी? चलिए आज हम आपको बताएंगे जब मीना कुमारी की दर्द भरी दास्तान।
एक घटना जो आपको हिला कर रख देगा। मीना कुमारी की 1972 में मृत्यु हो गई थी,तब मीना कुमारी की डेड बॉडी को अस्पताल से लेने के लिए परिवार के पास 3500 रुपये भी नहीं थे। मीना कुमारी के बैंक अकाउंट में भी इतने रुपये नहीं थे। तब डॉक्टरों ने परिवार की मदद की थी।
Meena kumari साल 1939 से 1972 के बीच इंडस्ट्री में खूब काम किया और नाम भी कमाया। मीना कुमारी फिल्मों में अकसर दुखभरे किरदार निभातीं थी। रुपहले पर्दे की तरह उनकी असल जिंदगी भी काफी दुखों और दर्द से भरी हुई थी।
मीना कुमारी की असल जिंदगी दुखों से भरपूर होने के कारण से ही उन्हें ‘ट्रेजेडी क्वीन’ भी कहा जाता था। लेकिन जब Meena kumari की 39 साल की उम्र में मौत हुई, तो बहुत ही बुरी स्थिति से गुजर रही थीं। बताया जाता है कि मीना कुमारी आर्थिक तंगी से जूझ रही थी, उनके बैंक के खाते में इतने भी रुपये नहीं थे कि लाश को अस्पताल से रिलीज कराया जा सके।
बचपन का नाम महजबीन था
Meena Kumari का जन्म 1 अगस्त 1933 को हुआ था। बचपन में उनका नाम महजबीन था। मीना कुमारी के पैदा होने पर पिता एकदम नाराज हो गए थे। क्योंकि उनके पिता को एक बेटा चाहिए था,लेकिन हो गई बेटी । मीना कुमारी के पैदा होते ही उनके पिता ने उन्हें अनाथालय में छोड़ दिया औऱ यहीं से शुरु होता है ट्रेजेडी क्वीन की दुख भरी कहानी।
फिल्मों में काम करने के बजाय पढ़ना चाहती थी मीना कुमारी
मीना कुमारी पढ़ना चाहती थी ,वो फिल्मों में काम करना नहीं चाहती थी। लेकिन घरवालों ने उन्हें फिल्मों में काम के सिलसिले में फिल्म स्टूडियोज ले जाना शुरू कर दिया।
पहली फिल्म में मीना को मिले 25 रुपये फीस
बहुत छोटी सी उम्र में मीना कुमारी ने फिल्म में काम करना शुरु कर दिया। निर्देशक विजय भट्ट ने मीना कुमारी को ‘लेदरफेस’ के लिए बतौर फील 25 रुपए दिए।इस तरह मीना कुमारी के परिवार का भरण पोषण होने लगा।
‘पाकीजा’ ,’फूल और पत्थर’ उनकी बेहतरीन फिल्मों में से था
मीना कुमारी ने ‘पाकीजा’, ‘बहारों की मंजिल’, ‘फूल और पत्थर’, ‘मंझली दीदी’ और ‘पूर्णिमा’ जैसी दर्जनों बेहतरीन फिल्मों में काम किया,जिसके लिए आज भी उन्हें याद किया जाता है।
70 के दशक आते-आते मीना कुमारी सपोर्टिंग एक्टर के तौर पर काम करने लगी। और फिर वो दिन भी आया जब मीना कुमारी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
31 मार्च 1972 में मीना कुमारी की हुई मौत
मीना कुमारी के पति कमाल अमरोही से खटपट होने के कारण मीना कुमारी काफी डिप्रेशन में रहने लगी और खुद को शराब के नशे में गिरफ्त कर लिया।ज्यादा शराब पीने की वजह से मीना कुमारी को लिवर सिरोसिस नामक गंभीर बीमारी हो गया जिससे 31 मार्च 1972 को उनकी मौत हो गई।
मीना कुमारी के खाते में नहीं थे पैसे
बताया जाता है कि 31 मार्च 1972 में जब 3.25 बजे मीना कुमारी ने सेंट एलिजाबेथ नर्सिंग होम में आखिरी सांस ली, तो उनके खाते में 3500 रुपये भी नहीं थे, जो उनकी बॉडी को रिलीज कराने के लिए चाहिए थे। तब डॉक्टरों ने मदद की थी।
सावन कुमार ने भी की थी मदद
वहीं फिल्म निर्माता सावन कुमार टाक ने भी मीना कुमारी के आखिरी दिनों में उनका अस्पताल का 15 हजार रुपये का बिल भरा था। इसके लिए उन्होंने अपनी कार तक बेच दी थी।
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