चीन ने पूरे विश्व को ऐसे संकट में डाला है, जिसके दुष्प्रभाव कई वर्षों तक दिखाई देंगे. जिस कोरोना ने समय से पहले ही दुनिया के लाखों लोगों का जीवन छीन लिया, वह वायरस किसी जानवर से नहीं फैला था, बल्कि उसे वुहान की एक प्रयोगशाला में बनाया गया था. यह दावा किया है चीनी वायरोलॉजिस्ट डॉ ली-मेंग यान ने।
ब्रिटिश टॉक शो "लूज वुमन" के साथ एक विशेष बातचीत में, डॉ यान ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि उन्हें वुहान में "न्यू निमोनिया" की जांच करने का काम सौंपा गया था। उन्होंने अपनी जांच के दौरान कोरोनावायरस के बारे में एक कवर अप ऑपरेशन की खोज की।
बीते साल कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर से ही हुई थी। चीन ने पहले तो इस खबर को दबाया लेकिन जब मामले बढ़ने लगे तो दुनिया को बताया गया कि वायरस वुहान के एक पशु बाज़ार में चमगादड़ से फैला था।
हालांकि बीमारी फैलने की शुरुआत से ही यह कई लोगों का दावा था कि यह वायरस मानव निर्मित है और इसे किसी लैब में तैयार किया गया है।
चीन के कई पत्रकार और समाजिक कार्यकर्ताओं ने चीन की सरकार का झूठ बेनकाब करने की कोशिश की, लेकिन या तो वे डरा -धमकाकर चुप कर दिए गए या उन्हें गायब क़रा दिया गया।
ऐसा माना जाता रहा है कि कोरोना वायरस वुहान के लैब में ही तैयार किया गया था। लेकिन चीन इससे साफतौर पर इनकार करता रहा है। <a href="https://zenodo.org/record/4028830#.X2CW3hAzbMW" rel="noopener noreferrer" target="_blank">डॉ ली-मेंग यान ने दावा किया</a> कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं कि कोरोना वायरस को वुहान की एक प्रयोगशाला में ही तैयार किया गया था।
"मैंने अपने पर्यवेक्षक को इस विकास की रिपोर्ट करने का फैसला किया, जो एक विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सलाहकार भी है. लेकिन डब्ल्यूएचओ और मेरे पर्यवेक्षक की कोई प्रतिक्रिया नहीं थी। सभी ने मुझे चेतावनी दी कि सही लाइन पार न करें और चुप्पी बनाए रखें वरना मुझे गायब कर दिया जाएगा।"
डॉ. ली-मेंग ने खुलासा किया कि उन्होंने अमेरिका में एक प्रसिद्ध चीनी यूट्यूबर से संपर्क किया था। जो खुलासा हुआ वो चीनी भाषा में था, उसके मुताबिक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी COVID-19 संकट को छुपाने की कोशिश कर रही है और यह तब हो रहा था जब वायरस लोगों के ज़रिए लोगों में फ़ैल रहा था।
यह पूछे जाने पर कि क्या उनके पास इस दावे को साबित करने के लिए वैज्ञानिक प्रमाण हैं, तो डॉ. ली-मेंग ने कहा कि उनके पास चीनी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी), स्थानीय डॉक्टरों और चीन भर के अन्य लोगों से खुफिया जानकारी है।
डॉ. मेंग ने बताया कि कोरोना वायरस के सच की जानकारी उन्होंने एक वेबसाइट पर पोस्ट की है और कुछ ही देर में उसे हैक कर लिया गया।
<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="en" dir="ltr">The preprint website Zenodo is hacked immediately since my first report got published! <a href="https://t.co/p4QeVZInrW">pic.twitter.com/p4QeVZInrW</a></p>— Dr. Li-Meng YAN (@LiMengYAN119) <a href="https://twitter.com/LiMengYAN119/status/1305509269018759169?ref_src=twsrc%5Etfw">September 14, 2020</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
मेंग के बयान पर चीन की ओर से कोई प्रातक्रिया नहीं आई है।.
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