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Covid-19 Vaccine: Delta Variant के खिलाफ लड़ने के लिए आम लोगों को बूस्टर खुराक जरूरी है या नहीं? देखिए नई स्टडी

Delta Variant के खिलाफ लड़ने के लिए आम लोगों को बूस्टर खुराक जरूरी है या नहीं?

कोरोना महामारी के खिलाफ इस वक्त दुनिया भर में वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है। इस बीच दूसरी लहर के दौरान कोरोना के सबसे खतरनाक 'डेल्टा वेरिएंट' का खुलासा हुआ। वैज्ञानिकों ने कहा कि, दूसरी लहर में संक्रमण को तेजी से फैलने में सबसे ज्यादा यही वेरिएंट जिम्मेदार रहा। इस वेरिएंट को लेकर रिसर्च में पाया गया कि कई वैक्सीन तो इससे लड़ने में ज्यादा सक्षम हैं लेकिन कई कम। अब वैज्ञानिकों ने बताया है कि, आम लोगों के लिए बूस्टर डोज लेना कितना जरूरी है और कितना नहीं।

अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के ग्रुप का कहना है कि, कोविड-19 वैक्सीन की अतिरिक्त बूस्टर डोज आम लोगों के लिए जरूरी नहीं है। मेडिकल पत्रिका लांसैट की नई रिपोर्ट में बताया गया है कि, डेल्टा वेरिएंट के खतरे के बावजूद आम आबादी के लिए बूस्टर डोज महामारी के इस चरण में उपयुक्त नहीं है। रिपोर्ट में बताया गया कि, बूस्टर खुराक की जरूरत के बारे में कोई फैसला या बूस्टर का समय महामारी विज्ञान का डेटा या पर्याप्त रूप से कंट्रोल्ड क्लीनिकल या दोनों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण के आधार पर होना चाहिए।

वैज्ञानिकों का कहना है कि, बूस्टर खुराक को तर्क संगत ठहराने के लिए और सबूत की जरूरत है। वैक्सीन कोविड-19 के गंभीर लक्षणों के खिलाफ बेहद प्रभावी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एना मारिया ने कहा कि, इस वक्त उपलब्ध रिसर्च गंभीर बीमारी के खिलाफ सुरक्षा की काफी कमी के विश्वसनीय सबूत उपलब्ध नहीं कराते हैं, जो टीकाकरण का प्रमुख लक्ष्य है। वैक्सीन के डोज दुनिया भर में प्राथमिकता के आधार पर उन लोगों को दिया जाना चाहिए जिनको इसका अभी भी इंतजार है। अगर वैक्सीन को उन जगहों पर भेजा जाता है जहां सबसे अच्छा करती हैं, तो ये वेरिएंट्स के आगे के विकास को रोककर जल्दी महामारी का अंत करेंगी।