देश की सबसे बेहतरीन फिल्म सिटी, ट्वॉय पार्क के बाद योगी सरकार ग्रेटर नोएडा स्थित युमना एक्सप्रेस-वे चिकित्सकीय उपकरणों का पार्क (फार्मा डिवाइस पार्क) बनाने जा रही है। प्रस्ताव के अनुसार, करीब 350 एकड़ में बनने वाले इस पार्क में 5,250 करोड़ रुपए का निवेश होगा। मामला चूंकि करोड़ों लोगों की सेहत से जुड़ा है। लिहाजा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इसमें रुचि ले रहे हैं।
इस संबंध में वह केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्री डीबी सदानंद गौड़ा को पत्र भी लिख चुके हैं। पत्र में फार्मा पार्क के बाबत प्रदेश में उपलब्ध आधारभूत सुविधाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने लखनऊ या नोएडा में फार्मा डिवाइस पार्क आवंटित करने का अनुरोध किया है।
मालूम हो कि देश में चिकित्सकीय उपकरणों का कारोबार करीब 40 हजार करोड़ रुपये का है। 80 फीसद उपकरण विदेशों खासकर चीन से आयात किए जाते हैं। इसमें स्टेथेस्कोप से लेकर ग्लूकोमीटर (सूगर नापने की मशीन) और एमआरआई स्कैनर जैसे आम प्रयोग में आने वाले उपकरण भी हैं। बढ़ती आय सेहत के प्रति बढ़ती जागरूकता के मद्देनजर इनकी मांग और बढ़ेगी। आयात महंगा होने से इनसे होने वाली जांचें भी महंगी होती है। रखरखाव का संकट अलग से।
यही वजह है कि नीति आयोग, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और केंद्र के संबंधित विभागों ने तय किया कि क्यों न देश को दवाओं और चिकित्सकीय उपकरणों के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए देश में ही फार्मा उपकरण बनाने वाले पार्क बनाए जाएं। इसी क्रम में केंद्रीय कैबिनेट भी देश में चार ऐसे पार्क बनाने का निर्णय ले चुकी है। मुख्यमंत्री का केंद्रीय मंत्री को लिखा गया पत्र भी इसी संदर्भ में है।
इसके बाद एक कदम और आगे बढ़ाते हुए उप्र सरकार ने मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए ग्रेटर नोएडा में 350 एकड़ जमीन भी चिन्हित कर ली। प्रस्ताव के अनुसार वहां निवेश करने वाली कंपिनयों के लिए 0.5 से लेकर 2 एकड़ तक के प्लॉट उपलब्ध होंगे। नयी फार्मा नीति के तहत निवेशकों को स्टैंप ड्यूटी, पंजीकरण, इलेक्ट्कि ड्यूटी पर छूट मिलेगी।
परिवहन, एयर कार्गो हैंडलिंग, पेटेंट पंजीकरण, गुणवत्ता के प्रमाणीकरण पर सब्सिडी मिलेगी। इसके अलावा कौशल विकास पर खास प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। ग्रेटर नोएडा से आगरा से जोड़ने वाले छह लेन के यमुना एक्सप्रेस-वे से लगे सेक्टर 28 में जिस जगह पार्क की स्थापना का प्रस्ताव है वह निमार्णाधीन जेवर एअरपोर्ट से चार और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से महज 12 किलोमीटर दूर है। दिल्ली-कोलकाता रेलवे लाइन पर होने के कारण यह रेल से भी अच्छी तरह कनेक्टेड है। मालूम हो कि जिन राज्यों में इन पार्कों का निर्माण होगा, उनको केंद्र सरकार की ओर से तमाम रियायतें मिलेंगी। इसके अलावा प्रदेश सरकार भी नयी फार्मा नीति के तहत निवेशकों को कई रियायतें दे रही है।
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि फार्मा डिवाइस पार्क का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है। अगर उसमें सहमति बन जाएगी तो ठीक है नहीं तो सरकार इसे अपने स्तर से भी बनाएगी।.
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