Coronavirus से लड़ाई में राम बाण साबित होगी भारत में बनी Nasal Vaccine!

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कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर वैज्ञानिक चेतावनी दे चुके हैं और यह भी कहा है कि, इस लहर में बच्चों के अत्यधिक संक्रमित होने का खतरा है। अभी तक दुनिया में 12 साल से कम उम्र के बच्चों को कोरोना वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है। वहीं, भारत में फिलहाल 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए किसी भी वैक्सीन को हरी झंडी नहीं मिली है। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि कोरोना की नेज़ल वैक्सीन बच्चों के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है।</p>
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<strong>बाकी वैक्सीन के मुकाबले नेजल वैक्सीन ज्यादा प्रभावी</strong></p>
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माना जा रहा है कि ये इंजेक्शन वाली वैक्सीन के मुकाबले ज्यादा असरदार है। साथ ही इसे लेना भी आसान है। क्योंकि इस तरह की वैक्सीन नाक के जरिये दी जाती है अपने एक इंटरव्यू के दौरान सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा स्कूल टीचर को वैक्सीन लगाने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों को तभी स्कूल भेजना चाहिए जब कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा कम हो। साथ ही उन्होंने कहा कि, 'भारत में बनी नेज़ल वैक्सीन बच्चों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है। इसे बच्चों में लगाना आसान होगा और साथ ही ये रेस्पिरेटरी ट्रैक में इम्यूनिटी बढ़ाएगी।</p>
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<strong>बच्चों पर खतरा कम लेकिन 10-12 साल के बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है</strong></p>
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केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि बच्चे संक्रमण से सुरक्षित नहीं हैं, इसके यह भी कहा कि फिलहाल वायरस का असर बच्चों पर कम हो रहा है। देश और दुनिया के आंकड़ों के अनुसार सिर्फ 3-4 फीसदी बच्चों को ही अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। नीति आयोग (स्वास्थ्य) के सदस्य वीके पॉल के अनुसार, अगर बच्चे कोविड से संक्रमित होते हैं, तो या तो उनमें कोई लक्षण नहीं होगा या फिर कम से कम लक्षण होंगे। उन्हें आम तौर पर अस्पताल में एडमिट होने की जरूरत नहीं होती है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि हमें 10-12 साल के बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।</p>
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<strong>नेज़ल वैक्सीन पर भारत बायोटेक कर रही ट्रायल</strong></p>
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हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी ने नेज़ल वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर दिया है. इस वैक्सीन के जरिए नाक के जरिए डोज दी जाएगी, जो कोरोना को मात देने में कारगर साबित हो सकती है। कंपनी के मुताबिक नेजल स्प्रे की सिर्फ 4 बूंदों की जरूरत होगी। नाक के दोनों छेदों में दो-दो बूंदें डाली जाएंगी। क्लीनिकल ट्रायल्स रजिस्ट्री के अनुसार, 175 लोगों को नेजल वैक्सीन दी गई है। इन्हें तीन ग्रुप में बांटा गया है। पहले और दूसरे ग्रुप में 70 वालंटियर रखे गए हैं और तीसरे में 35 वालंटियर रखे गए हैं, ट्रायल के नतीजे अभी आने बाकी है।</p>
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आईएन ब्यूरो

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