Categories: हिंदी

Sam Manekshaw: पहला फील्ड मार्शल, जिससे खौफ खाती थीं इंदिरा गांधी, सताने लगा था तख्तापलट का डर

<div id="cke_pastebin">
<p>
भारतीय सेना के पहले फील़्ड मार्शल सैम मानेकशॉ का जन्म आज के ही दिन एक सदी पहले हुआ था। 3अप्रैल 1914को अमृतसर में एक पारसी परिवार के यहां उन्होंने जन्म लिया था। पिता के खिलाफ जाकर उन्होंने आर्मी ज्वॉइन की थी। अपने शौर्य के चलते वो भारतीय सेना के पहले 5-स्टार जनरल बने और  पहले ऑफिसर भी, जिन्हें सेना में फील्ड मार्शल की रैंक पर प्रमोट किया गया था। 1971में हुआ भारत और पाकिस्तान का युद्ध उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा गया था। उसी के बाद बांग्लादेश का जन्म हुआ था। 13दिन चले इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने अपने हथियार डाल दिए थे। पाकिस्तान की 90हजार से ज्यादा सेना ने भारतीय सैनिकों के आगे घुटने टेके थे।</p>
<p>
इस युद्ध के शुरु होने से पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने मानेशॉ से पूछा था कि क्या वो पाकिस्तान के साथ युद्ध करने के लिए तैयार है ?, इसके जवाब में उन्होंने कि अगर अभी भारतीय सेना युद्ध के लिए जाती है तो हमारी हार तय है। ये जवाब सुनकर इंदिरा गांधी हैरान रह गई। इंदिरा गांधी के हाव-भाव देखकर सैम ने अपने इस्तीफे की बात करते हुए कहा कि 'मैडम प्राइम मिनिस्टर आप मुंह खोले इससे पहले मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि आप मेरा इस्तीफा मानसिक, शारीरिक या फिर स्वास्थ्य… किन आधार पर स्वीकार करेंगी ?', लेकिन इंदिरा गांधी ने उनके इस्तीफे की पेशकश को ठुकरा दिया और युद्ध की नई तारीख तय की।</p>
<p>
सैम मानेकशॉ के नेतृत्व में हुई इस जंग में पाकिस्तान को हार का मुंह देखना पड़ा और भारत ने जीत हासिल की। वहीं उनका एक और किस्सा काफी मशहूर है, दूसरे विश्वयुद्ध के समय अंग्रेजों का गुलाम होने के कारण भारतीय सेना ब्रिटिश सेना के लिए लड़ती थी। मानेशॉ भी बर्मा में जापानी आर्मी के खिलाफ युद्ध का हिस्सा रहे थे। इस युद्ध में उन्हें 7गोलियां लगी थी। उनके जिंदा बचने की उम्मीदों मानो न के बराबर ही थी, लेकिन डॉक्टर्स ने सारी गोलियां उनके शरीर से निकाल दी और वो खतरे से बाहर आ गए। जब डॉक्टरों ने उनसे इस बारे में पूछा तो उन्होंने मजाक करते हुए कहा- 'मुझे खच्चर ने लात मार दी है।'</p>
<p>
सैम मानेशॉ की हिम्मत को देख उन्हें कई सम्मान दिए गए। 1973 में उन्हें फील्ड मार्शल की उपाधि से सम्मानित किया गया। इस पद से सम्मानित होने वाले वो पहले भारतीय जनरल थे। उन्हें 1972 में भारत सरकार द्वारा पद्मविभूषण से नवाजा गया। साल 2008 में वेलिंगटन में उनकी मृत्यु हो गई, लेकिन आज भी वो लोगों के दिलों में जिंदा है। आपको बता दें कि सैम मानेकशॉ के जिंदगी पर अब डायेक्टर मेघना गुलजार एक बायोपिक बना रही है। इस बायोपिक में उनके किरदार में एक्टर विक्की कौशल नजर आएंगे।</p>
</div>

आईएन ब्यूरो

Share
Published by
आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

7 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

7 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

7 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

7 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

7 months ago