Hindi News

indianarrative

एनआईए ने एनजीओ टेरर फ़ंडिंग मामले में पांचवें कश्मीरी पत्रकार को गिरफ़्तार किया

राष्ट्रीय जांच एजेंसी की फ़ाइल फ़ोटो (फ़ोटो: IANS)

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने श्रीनगर के पत्रकार इरफ़ान मेहराज को वर्ष 2020 में नई दिल्ली में दर्ज एक टेरर फ़ंडिंग मामले में गिरफ़्तार किया है। वह 5वें कश्मीरी पत्रकार हैं, जिन्हें केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश की एजेंसियों ने पिछले चार वर्षों में आतंकी फ़ंडिंग और अलगाववादी गतिविधियों मेंउ नकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ़्तार कर हिरासत में ले लिया है। ।

एनआईए के प्रवक्ता ने मंगलवार को इस हिरासत की घोषणा करते हुए कहा कि अक्टूबर, 2020 में दर्ज “एनजीओ टेरर फ़ंडिंग केस” की व्यापक जांच के बाद इरफ़ान मेहराज को सोमवार को गिरफ़्तार किया गया था। उन्होंने कहा कि मेहराज “ख़ुर्रम परवेज़ का क़रीबी सहयोगी था और उसके संगठन, जम्मू और कश्मीर गठबंधन ऑफ सिविल सोसाइटीज (JKCCS) के साथ काम कर रहा था।”

एनआईए के प्रवक्ता ने कहा, “जांच से पता चला है कि जेकेसीसीएस घाटी में आतंकी गतिविधियों को वित्तपोषित कर रहा था और मानवाधिकारों की सुरक्षा की आड़ में घाटी में अलगाववादी एजेंडे के प्रचार में भी शामिल था।”

प्रवक्ता ने कहा, “इस मामले में कुछ घाटी स्थित ग़ैर-सरकारी संगठनों, ट्रस्टों और सोसायटी से आतंकवाद सम्बन्धी गतिविधियों के वित्तपोषण में शामिल होने की जांच की जा रही है। पंजीकृत और अपंजीकृत,दोनों ही तरह के कुछ एनजीओ सार्वजनिक स्वास्थ्य, शिक्षा आदि सहित अनुदान और विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों के तहत घरेलू और विदेशों में धन एकत्र करने को लेकर सामने आए हैं। लेकिन इनमें से कुछ संगठनों ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के साथ सम्बन्ध विकसित किए हैं, जैसे कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) आदि।”

श्रीनगर के मेहजूर नगर के निवासी मेहराज को एनआईए दिल्ली में दर्ज प्राथमिकी आरसी-37/2020 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ़्तार किया गया है। निरंतर पूछताछ और अन्य औपचारिकताओं के लिए उन्हें तुरंत नई दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया है। सूत्रों ने कहा कि मेहराज की गिरफ़्तारी एनआईए द्वारा पिछले दो वर्षों में की गयी कई दौर की पूछताछ के बाद हुई है।

महराज के सत्यापित अकाउंट वाले ट्विटर पर लगभग 4,000 फॉलोअर्स हैं। वह ख़ुद को समाचार पोर्टल ‘TwoCircles.net’ का संपादक बताता है, जो उसके अनुसार, ‘ग़ैर-लाभकारी मुख्यधारा का मीडिया’ आउटलेट है। इसके ट्विटर हैंडल @TCNLive के क़रीब 14,000 फॉलोअर्स हैं। ‘linkedin.com’ पर मेहराज तुर्की स्थित कश्मीरी मुख़्तार बाबा सहित 478 व्यक्तियों से जुड़ा है, जिन्हें हाल ही में भारत सरकार द्वारा एक नामित आतंकवादी घोषित किया गया है।

मेहराज ख़ुद को “श्रीनगर स्थित एक स्वतंत्र पत्रकार और शोधकर्ता” बताते हैं।मेहराज का अपने साइट पर दावा है, “मेरा काम टीआरटी वर्ल्ड (तुर्की), इंडियन एक्सप्रेस, द कारवां, कश्मीर लाइफ़, कश्मीर रीडर, ग्रेटर कश्मीर सहित अन्य मीडिया इकाई में दिखायी दिया है”।

जेकेसीसीएस प्रमुख ख़ुर्रम परवेज़ 22 नवंबर, 2021 को एनआईए द्वारा गिरफ़्तारी के बाद से लगातार जेल में है। इससे पहले उसे अलगाववादी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए 20 वर्षों में एक दर्जन से अधिक बार गिरफ़्तार किया गया था और रिहा किया गया था। उसके संगठन ने कश्मीर संघर्ष में मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए काम करने का दावा किया था, यहां तक कि लगभग सभी रिपोर्ट और बयान राज्य एजेंसियों द्वारा कथित रूप से किए गए अधिकारों के उल्लंघन थे।

ख़ुद एनआईए के पूर्व अधिकारियों में से एक पुलिस अधीक्षक अरविंद दिग्विजय नेगी को फ़रवरी 2022 में गिरफ़्तार किया गया था और बाद में उस ख़ुर्रम परवेज़ को संवेदनशील जानकारी लीक करने के बाद सेवा से बर्ख़ास्त कर दिया गया था, जिसके ख़िलाफ़ वह एक मामले की जांच कर रहा था।

सूत्रों के अनुसार, एनआईए का मानना है कि ख़ुर्रम के साथ मिलकर इरफ़ान मेहराज ने कश्मीर घाटी में अलगाववादी और आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभायी थी। ख़ुर्रम पर ग़ैरक़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और अन्य क़ानूनों की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। उसे अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से कई पुरस्कार मिले हैं, जो भारत सरकार के अधिकारियों के अनुसार, “अलगाववादी-आतंकवादी इको सिस्टम का अहम हिस्सा हैं। संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों, वामपंथी झुकाव वाले कार्यकर्ताओं, मीडियाकर्मियों और संगठनों  ने उसकी रिहाई की मांग की है।

केंद्रीय और केंद्र शासित प्रदेश की एजेंसियों ने अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए पिछले चार वर्षों में कम से कम 9 कश्मीरी पत्रकारों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की है। जबकि उनमें से दो, यानी कामरान यूसुफ़ और काज़ी शिबली को रिहा कर दिया गया था, दो और को, यानी फ़ोटो पत्रकार मसरत ज़हरा और ग़ौहर गिलानी पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन उन्हें कभी गिरफ़्तार नहीं किया गया। ज़हरा को विदेश यात्रा करने और जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका में फ़ेलोशिप और उच्च अध्ययन करने की अनुमति भी दी गयी थी। वह इस समय न्यूयॉर्क में है।

मेहराज दिल्ली में हिरासत में लिए जाने और जेल में बंद होने वाले 5वें कश्मीरी पत्रकार हैं। ऑनलाइन पत्रिका ‘कश्मीर वाला’ के संपादक फ़हद शाह, जिसने विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में भी योगदान दिया था, जब उसे पुलिस ने पुलवामा में गिरफ़्तार किया था, 4 फ़रवरी 2022 से जेल में हैं। यहां तक कि उसे दो मामलों में ज़मानत मिलने के बाद भी उस पर अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।