लोकसभा चुनाव में मोदी के नाम का प्रस्ताव रखने वाले डोम राजा नहीं रहे, प्रधानमंत्री ने जताया शोक

लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक डोम राजा जगदीश चौधरी का मंगलवार की सुबह निधन हो गया। उनके परिजनों के अनुसार, वह कुछ समय से बीमार थे और निजी अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन का समाचार सुनकर प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी ने भी ट्वीट कर दुख जताया। परिजनों के अनुसार, वह कई दिनों से अस्वस्थ्य थे। वह कुछ समय से पैर में घाव से भी पीड़ित थे। रात में अत्यधिक तबीयत खराब होने पर सुबह में परिवारीजन सिगरा स्थित निजी चिकित्सक के यहां ले गए, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। जगदीश चौधरी के परिवार में पत्नी, दो पुत्रियां और एक पुत्र है।

प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, "वाराणसी के डोम राजा जगदीश चौधरी जी के निधन से अत्यंत दुख पहुंचा है। वे काशी की संस्कृति में रचे-बसे थे और वहां की सनातन परंपरा के संवाहक रहे। उन्होंने जीवनर्पयत सामाजिक समरसता के लिए काम किया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों को इस पीड़ा को सहने की शक्ति दे।"

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट कर दुख जताया। उन्होंने लिखा, "सामाजिक समरसता की भावना के प्रतीक पुरुष, काशीवासी डोमराजा श्री जगदीश चैधरी जी का निधन अत्यंत दुखद है। श्री जगदीश चौधरी जी का कैलाशगमन संपूर्ण भारतीय समाज की एक बड़ी क्षति है। बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना है कि आपको अपने परमधाम में स्थान प्रदान करें। शांति!"

ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री मोदी के वाराणसी लोकसभा के लिए नामांकन के दिन सभी की नजरें प्रस्तावकों पर लगी हुई थीं। इसी में एक नाम जगदीश चौधरी का भी था, जिन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का प्रस्तावक बनने की खुशी जाहिर की थी। चौधरी ने कहा था, "प्रधानमंत्री मोदी का प्रस्तावक बनने का मौका मुझे मिला है। पहली बार किसी नेता या प्रधानमंत्री ने डोम समाज के बारे में सोचा है।"

उन्होंने कहा था, "पहली बार किसी राजनीतिक दल ने हमें यह पहचान दी है। हम बरसों से लानत झेलते आए हैं। हालात पहले से सुधरे जरूर हैं, लेकिन समाज में हमें पहचान नहीं मिली है और प्रधानमंत्री चाहेंगे तो हमारी दशा जरूर बेहतर होगी। उन्होंने यह भी कहा था कि नेता वोट मांगने आते हैं, लेकिन बाद में कोई सुध नहीं लेता।"

हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका घाट में करीब 500 से 600 डोम रहते हैं। जबकि उनकी बिरादरी में पांच हजार से ज्यादा लोग हैं। दोनों घाटों पर सभी डोम की बारी लगती है और कभी दस दिन या बीस दिन में बारी आती है। बाकी दिन बेगारी। कोई स्थायी नौकरी नहीं है और कमाई भी इतनी नहीं कि बच्चों को अच्छी जिंदगी दे सकें।.

सतीश के. सिंह

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

7 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

7 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

7 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

7 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

7 months ago