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Azadi ka Amrit Mahotsav पेट्रॉटिक सॉंग्स कम्पटीशन में Guru Nanak Public School ने जीता पहला पुरस्कार

आजादी के अमृत महोत्सव पर देशभक्ति गीत-संगीत प्रतियोगिता

देश की गांव-गलियों, चौक चौबारों से लेकर शहरों और राजधानी के राजपथ तक तिरंगे की धूम है। हाथ में, साइकिल पर, बाइक पर और बड़ी-छोटी कारों पर तिरंगा लहरा रहा है। जो पैदल हैं उन्होंने अपनी पीठ पर ही तिरंगा लगा लिया है। वजह है कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। कुछ ऐसा ही माहौल 1947 में था। आजादी के 75 साल बाद फिजाओं में रवानी है। चेहरे पर स्वाभिमान और विकास का गर्व चमक रहा है। स्कूल-कॉलेज और विभिन्न सामाजिक संस्थाएं आजादी के अमृत उत्सव पर रंगा-रंग कार्यक्रम मना रहे हैं। ऐसा ही एक राष्ट्रभक्ति गीत-संगीत प्रतियोगिता का आयोजन दिल्ली के लोधी रोड स्थित इंडियन इस्लामिक कल्चरल सेंटर में किया गया।

आजादी के अमृत उत्सव पर इस आयोजन को राजधानी के प्रख्यात खुसरो फाउंडेशन के तत्वावधान में हुआ। देश का जाना-माना डिजिटल प्लेटफॉर्म आवाज द वॉयस और इंडियन इस्लामिक कल्चर सेंटर इसके प्रायोजक रहे। राष्ट्रीय गीत-संगीत के इस आयोजन में राजधानी दिल्ली के लगभग एक दर्जन स्कूलों के छात्र-छात्राओं की टीमों ने हिस्सा लिया। शाहीन बाग पब्लिक स्कूल, शाहीन बाग, गुरु नानक पब्लिक स्कूल राजौरी गार्डन, राबिया गर्ल्स स्कूल, एंग्लो अरेबिक पब्लिक स्कूल, न्यू होराइजन पब्लिक स्कूल निजामुद्दीन, जामिया हजरत निजामुद्दीन स्कूल ओखला, शिखर गर्ल्स स्कूल ओखला और खदीजातुल कुबरा गर्ल्स पब्लिक स्कूल, जोगा बाई, दिल्लीप्रमुख रूप से शामिल थे।

राष्ट्रीय गीत-संगीत की प्रतियोगिता के दौरान हॉल में बैठे दर्शक देश भक्ति की भावना से ओत-प्रोत हो गए।

इस प्रतियोगिता में एक के बाद एक छह गीतों का समुच्य कोरस प्रस्तुत करने वाले गुरुनानक पब्लिक स्कूल, राजौरी गार्डन के स्टूडेंट्स की टीम ने पहला पुरस्कार जीता।

प्रतियोगिता के दूसरे स्थान पर खदीजातुल कुबरा गर्ल्स पब्लिक स्कूल, जोगा बाई की टीम रही।

जबकि न्यू होराइजन सीनियर सेकेडरी स्कूल की टीम तीसरे स्थान पर रही।

प्रतियोगिता में एंग्लो अरेबिक स्कूल की टीम की प्रस्तुति ने भी दर्शकों को प्रभावित किया लेकिन प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डल के मानकों पर खरी नहीं उतरी।

इस प्रतियोगिता के अतिरिक्त इसी मंच पर एक छोटे से बालक मनराज के डांस ने श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। इस कार्यक्रम में इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरैशी मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम में प्रमुख इस्लामिक विद्वान अख्तर-उल वासे, रोहित खेरा, खुसरो फाउंडेशन के निदेशक रंजन मुखर्जी उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रजज्वलन से हुआ और पुरस्कार वितरण तथा अतिथियों के प्रेरणादाई संबोधन के साथ समाप्त हुआ।