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‘Bhartiya Vastra Evam Shilpa Kosh’: Vocal For Local का बड़ा सिंबल

‘Bhartiya Vastra Evam Shilpa Kosh’ For Vocal For Local :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के हथकरघा उत्पादों के विपणन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा विकसित कपड़ा और शिल्प का एक स्टोर, ई-पोर्टल ‘Bhartiya Vastra evam Shilpa Kosh’ लॉन्च किया।

दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत मंडपम में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने याद किया कि उन्होंने भारत के विविध परिधानों को सूचीबद्ध करने और संकलित करने की आवश्यकता पर जोर दिया था और प्रसन्नता व्यक्त की  थी कि यह आज यह ‘Bhartiya Vastra evam Shilpa Kosh’ के लॉन्च के साथ सफल हुआ है।

प्रधानमंत्री ने भारत के हथकरघा उद्योग के योगदान पर प्रकाश डाला और कहा कि पुराने और नए का संगम आज के नए भारत को परिभाषित करता है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि नौ साल पहले खादी और ग्रामोद्योग का कारोबार सिर्फ 25-30,000 करोड़ रुपये का था, लेकिन आज यह 1.3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त 1 लाख करोड़ रुपये गांवों और आदिवासी क्षेत्रों में हथकरघा क्षेत्र से जुड़े लोगों तक पहुंचे हैं।

उन्होंने बताया,“देश में स्वदेशी को लेकर एक नई क्रांति आयी है। Vocal For Local की भावना के साथ नागरिक पूरे दिल से स्वदेशी उत्पाद ख़रीद रहे हैं और यह एक जन आंदोलन बन गया है।”

पीएम मोदी ने कहा, “आज का भारत सिर्फ ‘Vocal For Local’ ही नहीं, बल्कि इसे दुनिया तक ले जाने के लिए एक वैश्विक मंच भी प्रदान कर रहा है।”

पीएम मोदी ने कहा कि सरकार का लगातार प्रयास रहा है कि बुनकरों का काम आसान हो, उनकी उत्पादकता बढ़े और गुणवत्ता और डिज़ाइन में सुधार हो।

“हर राज्य और ज़िले के हस्तशिल्प और हथकरघा से बने उत्पादों को एक ही छत के नीचे बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा राज्यों की हर राजधानी में एकता मॉल विकसित किया जा रहा है। सरकार अपने बुनकरों को दुनिया का सबसे बड़ा बाजार उपलब्ध कराने के लिए भी स्पष्ट रणनीति के साथ काम कर रही है।”

उन्होंने कहा, “जो लोग आत्मनिर्भर भारत के सपने बुनते हैं और ‘मेक इन इंडिया’ को ताकत देते हैं, वे खादी को सिर्फ कपड़ा नहीं बल्कि एक हथियार मानते हैं।”

आज के इस कार्यक्रम की शुरुआत से पहले बुनकरों के साथ अपनी बातचीत पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने आज के भव्य समारोह में देश भर से विभिन्न हथकरघा समूहों की उपस्थिति का उल्लेख किया और उनका स्वागत किया।

9 अगस्त को ब्रिटिश शासन के खिलाफ शुरू किए गए स्वदेशी आंदोलन पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह केवल विदेशी निर्मित वस्त्रों के बहिष्कार तक ही सीमित नहीं था बल्कि भारत की स्वतंत्र अर्थव्यवस्था के लिए प्रेरणा का स्रोत था। उन्होंने कहा कि यह भारत के बुनकरों को लोगों से जोड़ने का एक आंदोलन था और सरकार द्वारा इस दिन को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में चुनने के पीछे यही प्रेरणा थी।

प्रधानमंत्री ने हथकरघा उद्योग के साथ-साथ बुनकरों के विस्तार के लिए किए गए अभूतपूर्व कार्यों को रेखांकित किया।

यह देखते हुए कि भारत का कपड़ा उद्योग पिछली शताब्दियों में अच्छी तरह से स्थापित था, प्रधान मंत्री ने अफसोस जताया कि आजादी के बाद इसे मजबूत करने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए। उन्होंने कहा, “यहां तक कि खादी को भी मरणासन्न स्थिति में छोड़ दिया गया था”, उन्होंने कहा कि खादी पहनने वालों को हेय दृष्टि से देखा जाता था।

प्रधानमंत्री ने कहा, 2014 के बाद सरकार इस परिस्थिति और इसके पीछे की सोच को बदलने का प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम के शुरुआती चरण के दौरान नागरिकों से खादी उत्पाद खरीदने के आग्रह को याद किया, जिसके परिणामस्वरूप पिछले 9 वर्षों में खादी के उत्पादन में 3 गुना से अधिक की वृद्धि हुई।

उन्होंने यह भी कहा कि खादी कपड़ों की बिक्री 5 गुना बढ़ गई है और विदेशों में भी इसकी मांग बढ़ रही है। पीएम मोदी ने अपनी पेरिस यात्रा के दौरान एक बड़े फैशन ब्रांड के सीईओ से मुलाकात को भी याद किया, जिन्होंने उन्हें खादी और भारतीय हथकरघा के प्रति बढ़ते आकर्षण के बारे में बताया था।

प्रधान मंत्री ने कहा कि प्रत्येक उत्पाद के लिए एक विशाल युवा उपभोक्ता वर्ग बन रहा है और यह कपड़ा कंपनियों के लिए एक बड़ा अवसर प्रस्तुत करता है। प्रधानमंत्री ने कहा, इसलिए स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना और उसमें निवेश करना भी इन कंपनियों की जिम्मेदारी है।

उन्होंने नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि पिछले 5 वर्षों में 13.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं और उन्होंने इसके लिए हथकरघा क्षेत्र के बढ़ते कारोबार के योगदान को भी स्वीकार किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार देश के बुनकरों और शिल्पकारों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रधान मंत्री ने संतोष व्यक्त किया कि कपड़ा क्षेत्र के लिए लागू की गई योजनाएं सामाजिक न्याय का एक प्रमुख साधन बन रही हैं क्योंकि उन्होंने बताया कि देश भर के गांवों और कस्बों में लाखों लोग हथकरघा के काम में लगे हुए हैं।

उन्होंने कहा, “मुफ्त राशन, पक्का घर, 5 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज- यह मोदी की गारंटी है।”

आईएन ब्यूरो

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