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Budget 2022: 162 साल पुराना बजट का इतिहास, देखें वो 5 बड़े बदलाव जिन्‍होंने तोड़ दी दशकों पुरानी परंपरा

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1 फरवरी को संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी। देश में कई ऐतिहासिक बजट पेश हुए हैं। भारत के लिए बजट पेश करने की परंपरा ब्रिटिश काल में 1860 में शुरू हुई थी। तब से अब तक बजट में कई बदलाव हुए हैं। आज हम आपको देश के कुछ वित्त मंत्रियों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने बजट को लेकर कई अहम बदलाव किए।

पूर्व वित्त मंत्री आरके षणमुखाम शेट्टी- आजाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को तत्कालीन वित्त मंत्री आरके षणमुखाम शेट्टी ने पेश किया था। आजाद भारत के पहले बजट में टैक्स प्रस्ताव नहीं था और इसमें स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त 1947 से लेकर 31 मार्च 1948 तक के साढ़े 7 महीने की अवधि को ही कवर किया गया था।

पूर्व वित्त मंत्री सी डी देशमुख- पहले देश में बजट अंग्रेजी भाषा में ही छापा जाता था, लेकिन भारत के तीसरे वित्त मंत्री सी डी देशमुख ने साल 1951 में जब बजट पेश किया तो बजट के सारे डॉक्युमेंट्स हिंदी में छापे गए।

इंदिरा गांधी- भारत का बजट संसद में प्रस्तुत करने वाली पहली महिला इंदिरा गांधी थी. 1969 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी ही सरकार के उपप्रधानमंत्री और वित्त मंत्री मोरारजी देसाई से वित्त मंत्रालय का प्रभार वापस ले लिया।

मोरार जी देसाई- बजट मोरार जी देसाई देश में सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने 10 बार भारत का केंद्रीय बजट पेश किया है। इसके साथ ही 1964 और 1968 की 29 फरवरी को 2 बार अपने जन्मदिन पर भी बजट पेश किया था। पहले बजट फरवरी की आखिरी तारीख को पेश किया जाता था।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण- पहले भारत में वित्तमंत्री बजट पेश करने के लिए लाल ब्रीफकेस लेकर आया करते थे, लेकिन 2019 में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इंडियन लुक देते हुए इसे कपड़े का बनवाया और इसे लेकर सदन में पहुंची। इसे खाता बही का नाम दिया गया। इसकी परंपरा भी ब्रिटेन से अपनाई गई है, जहां इसे बजट चीफ विलियम ग्लैडस्टोन ने शुरू किया था। वे अपने लंबे बजट भाषण के लिए जाने जाते थे और इसलिए उन्हें सारे कागज रखने के लिए ब्रीफकेस की जरूरत पड़ती थी।