दिल्ली में कोरोना के प्रसार को देखते हुए बाजार बंद करने के केजरीवाल सरकार की ओर से केंद्र को प्रस्ताव भेजने पर यहां के व्यापारी लगातार नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि सीएम केजरीवाल ने उनसे इस प्रस्ताव के संबंध में कोई बातचीत नहीं की। कनफेडेरशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की ओर से कहा गया कि प्रस्ताव भेजने से पहले या कोई निर्णय लेने से पहले उससे बात की जाए।
हालांकि CAIT की ओर से कहा गया कि दिल्ली में तेजी से फैल रही कोविड महामारी सबके लिए चिंता का विषय है और इसको रोकने के लिए व्यापारियों ने अनेक बार मुख्यमंत्री को अपने सहयोग की पेशकश भी की, किन्तु मुख्यमंत्री ने एक बार भी व्यापारियों से बात करना मुनासिब नहीं समझा। दिल्ली के व्यापारी सरकार के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं, किन्तु दिल्ली में प्रत्येक बाजार के स्तर पर काम करना पड़ेगा और हवाई दावों से दिल्ली के लोगों का भला नहीं हो सकता।
CAIT के मुताबिक, दिल्ली में लगभग छोटे-बड़े 3,500 बाजार हैं और दिल्ली में लगभग 4 हजार से ज्यादा व्यापारिक संगठन हैं जिनमें लगभग 2000 पूरी तरह से सक्रिय हैं। दिल्ली में प्रतिदिन लगभग 700 करोड़ रुपये का व्यापार होता है जिसमें लगभग 500 करोड़ रुपये का व्यापार अन्य राज्यों के लोगों को भेजे गए सामान के जरिये होता है।
<strong>CAIT का कहना है कि दिल्ली देश का सबसे बड़ा व्यापारिक वितरण केंद्र है। दिल्ली के सभी व्यापारिक संगठनों की सहायता से कोविड के सुरक्षा नियमों का पालन करवाया जा सकता है। लेकिन इसके लिए युद्ध स्तर पर एक ठोस योजना बनाने की जरूरत है। दिल्ली के सभी व्यापारिक संगठन सरकार के साथ पूरी तरह सहयोग करने के लिए तैयार भी हैं और उत्सुक भी।</strong>
CAIT के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि  कैट ने इस मुद्दे पर कल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं दिल्ली के उपराजयपाल अनिल बैजल एवं केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी को एक पत्र भेजकर कोई भी निर्णय लेने से पहले व्यापारियों से सलाह मशविरा करने का आग्रह किया। इस मामले पर केंद्र सरकार जो भी निर्णय लेगी, दिल्ली के व्यापारी उस निर्णय को मानेंगे।
उन्होंने कहा, कोविड के मुद्दे पर कैट ने गत सितम्बर, अगस्त, जुलाई, जून, अप्रैल एवं मार्च में अरविंद केजरीवाल को पत्र भेजकर व्यापारियों के सहयोग की पेशकश की थी और मिलने का समय भी मांगा, किन्तु केजरीवाल ने पत्र का उत्तर देना भी मुनासिब नहीं समझा।
उन्होंने कहा, बाजार बंद करना समस्या का हल नहीं है बल्कि बाजारों में सरकार के कोविड सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन किया जाए, यह ज्यादा जरूरी है। जहां तक व्यापारियों का सवाल है, प्रत्येक व्यापारी अपनी दुकान में सुरक्षा नियमों का पूरी तरह पालन कर रहा है लेकिन जो लोग बाजारों में आ रहे हैं, वो सुरक्षा नियमों के पालन के प्रति लापरवाह हैं।.
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