Indian Army के खौफ से उलटे पैर पाकिस्तान भाग रहे आतंकवादी! थम गया कश्मीरी पंडितों का पलायन- देखें रिपोर्ट

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जम्मू-कश्मीर की वो काली रात जब रातों-रात कुछ कट्टरपंथियों और सरकार की मिली भगत के चलते जेहाद को लाकर खड़ा कर दिया गया और कश्मीरी पंडितों को अपने ही घरों को छोड़कर दूसरे राज्यों में पलायन करना पड़ा। वो दर्द की रात आज भी याद कर कश्मीरी पंडितों की रुहें गनगना उठती है। समय का पहिया बदला और केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आई जिसके बाद घाटी यानी की जम्मू-कश्मीर में शुरू हुआ आतंक के खिलाफ अभियान। सरकार की खुली छुट ने सेना के हाथ खोल दिए और घाटी से आतंकियों को खदेड़-खदेड़ कर जहन्नुम पहुंचाने का काम शुरु हुआ। आज आलम यह है कि आतंकी वापस पाकिस्तान भागने लगे हैं। कश्मीरी पंडितों का पलायन थमने लगा है। घाटी में विकास की बयार बह चली है। एक नई रिपोर्ट में बताया गया है कि, आर्टिकल 370हटने के बाद से कश्मीरी पंडितों का पलायन रुका है।</p>
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केंद्र सरकार की ओर से संसद में बताया गया है कि, अगस्त 2019के बाद से जम्मू-कश्मीर से कंश्मीरी पंडितों का पलायन नहीं हुआ है। उसी साल 5अगस्त को सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370हटाया गया था। इसके साथ ही सरकार ने जम्मू कश्मीर में आतंकियों आम नागरिकों और सुरक्षाबलों के मारे जाने से संबंधित आंकड़े भी पेश कर बताया है कि, राज्य में 5अगस्त, 2019के बाद से 9जुलाई, 2022के बीच में सुरक्षाबलों के 128जवान आतंकी हमलों में शहीद हुए हैं। वहीं इसी दौरान 118आम नागरिकों की भी जान आतंकी हमलों के कारण गई हैं। इनमें से 5कश्मीरी पंडित थे जबकि 16अन्य हिंदू और सिख समुदाय से थे। राज्यसभा में यह जानकारी गृह मामलों के राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने दी है।</p>
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कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह की ओर से पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि, प्रधानमंत्री डेवलपमेंट पैकेज के अंतर्गत कश्मीरी घाटी में 5,502कश्मीरी पंडितों को जम्मू कश्मीर सरकार के विभिन्न विभागों में रोजगार उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरान किसी भी कश्मीरी पंडित के घाटी से पलायन करने की कोई भी कथित घटना सामने नहीं आई है।</p>
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कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आतंकी हमलों के बारे में सवाल किया था जिसके जवाब में नित्यानंद राय ने कहा कि 2018 के मुकाबले 2021 में जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कमी दर्ज की गई है। 2018 में घाटी में आतंकी हमले की 417 घटनाएं हुई थीं। जबकि 2021 में यह घटकर 229 हो गईं। उन्होंने इस दौरान कहा कि कश्मीर घाटी में हालात को नियंत्रण में करने के लिए सरकार की ओर से हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। इनमें तहत सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। इंटेलीजेंस को मजबूत किया गया है। रात की गश्त बढ़ाई गई है। आतंकियों के खिलाफ अभियान को बढ़ाया गया है।</p>
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आईएन ब्यूरो

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