पंजाब में इस वक्त सियासत हलचल तेज है, कांग्रेस आलाकमान ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस्तीफे की मांग की है, और बैठक में इस्तीफा मांगने की जिम्मेदारी हरीश रावत को सौंपी गई है। पंजाब के सारे विधायकों की बैठक पंजाब प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बुलाई गई है। इस बीच पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भी शशि थरूर अंदाज में ट्वीट करते हुए कहा है कि नेतृत्व ने कड़ा फैसला लिया है, इस फैसले से अभी तरह की दिक्कतें खत्म हो जाएंगी।
जाखड़ ने कहा है कि, पंजाब कांग्रेस में जटिल हो रही समस्या के बीच राहुल गांधी के रवैये की प्रशंसा करता हूं। आश्चर्यजनक रूप से पार्टी नेतृत्व की तरफ से लिए गए फैसले से पंजाब कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जोश आया है और साथ ही अकाली दल को भी स्पष्ट संदेश गया है। मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, कांग्रेस आलाकमान ने अमरिंदर सिंह से साफ कह दिया है कि वह सीएम की कुर्सी छोड़ दें। वहीं, यह भी खबर आ रही है कि, आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी दोपहर 2 बजे विधायकों की एक बैठक बुलाई है।
वहीं, सोनाय गांधी से भी अमरिंदर सिंह ने कहा है कि, इस तरह के अपमान के साथ कांग्रेस के साथ बने रहना अब संभव नहीं है। इसलिए माना जा रहा है कि बैठक में कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस पार्टी से नाता तोड़ सकते हैं। चंडीगढ़ में आज शाम यह बैठक हो रही है, जिसमें प्रभारी महासचिव हरीश रावत, महासचिव अजय माकन जैसे नेता पर्यवेक्षक के रूप में रहेंगे।
वहीं, सिद्धू खेमे की तायारी है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ नाराज गुट की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए और केंद्रीय पर्यवेक्षकों को सीएम चेहरे को लेकर वोटिंग करवाने की मांग रखी जाए। मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, इस दौरान सिद्धू खेमे के समर्थक विधायक औक मंत्री सिद्धू का नाम बतौर अगले विधायक दल के नेता के तौर पर आगे बढ़ा सकते हैं। वहीं, अमरिंदर सिंह खेमे की तैयारी है कि कुछ भी करके मीटिंग के दौरान कम से कम 60 विधायकों की वोटिंग उनके पक्ष में करवाई जाए।
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इस वक्त दिल्ली से अजय माकन और हरीश चौधरी पंजाब पहुंच चुके हैं। माना जा रहा है कि, पूर्व प्रदेश कांग्रेस सुनील जाखड़ या नवजोत सिंह सिद्धू में से किसी एक को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना जा सकता है।