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खबरदार! Deltacron की शक्ल में वापस आ रहा है कोरोना, लापरवाही की तो फिर लग सकती हैं पाबंदियां

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दो साल बीतने के बाद भी कोरोना महामारी से लोगों को राहत नहीं मिली है। देशभर से जीनोम सीक्‍वेंसिंग के लिए भेजे गए 95% से ज्‍यादा सैंपल्‍स में ओमीक्रोन वेरिएंट मिला है। भारत में पिछले कुछ समय से कोरोना के मामले घट रहे हैं। अगर चार हफ्ते तक केसेज स्थिर रहते हैं तो माना जा सकता है कि यहां कोरोना 'एंडेमिक' स्‍टेज में पहुंच रहा है। वहीं, वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगला कोविड वेरिएंट और खतरनाक साबित हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अब और भी नए वैरिएंट आ सकते हैं जो ओमीक्रोन से भी ज्यादा तेजी से फैल सकते हैं।

इस चेतावनी के बीच ही यूके से नया वेरिएंट मिलने की खबर आई है। डेल्‍टा और ओमीक्रोन के कॉम्बिनेशन से बना 'डेल्‍टाक्रोन' वेरिएंट को पहले लैब एरर समझा गया था, मगर अब इसके मामले आने से टेंशन बढ़ गई है। फरवरी के आखिरी हफ्ते के बाद लिए गए 95% से ज्‍यादा सैंपल्‍स की जीनोम सीक्‍वेंसिंग में ओमीक्रोन वेरिएंट मिला है। एक्‍सपर्ट्स ने कहा कि डेल्टा वेरिएंट जहां कई लहरों में फैला, वहीं ओमीक्रोन पूरे देश में एक साथ फैला। वैज्ञानिकों ने चेताया है कि अगला कोविड वेरिएंट ओमीक्रोन से भी खतरनाक हो सकता है। कई देशों में केसेज घटने पर पाबंदियां हटा ली गई हैं।

भारत से पिछले 24 घंटे में कोरोना के 30,615 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 27,409 मामले दर्ज किए गए। कल के मुकाबले कोरोना मामलों में इजाफा हुआ है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मंगलवार को एक दिन में कुल 514 मौतें हुई, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,09,872 हो गई है। देश में कोरोना के अब 3,70,240 सक्रिय मामले हैं। देश में पॉजिटिविटी रेट 0.87 प्रतिशत है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बीते 24 घंटे में 82,988 मरीज ठीक हुए, जिससे रिकवर होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,18,43,446 हो गई है। भारत में रिकवरी रेट 97.94 प्रतिशत है।

कोरोना की तीसरी लहर खत्म होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। एक्‍सपर्ट कहते हैं कि देश में रोज आ रहे केस अगर 4 हफ्ते तक कम और स्थिर बने रहते हैं तो इसका मतलब यह होगा कि कोरोना महामारी के बजाय एंडेमिक यानी स्थानीय स्तर की बीमारी के चरण में प्रवेश कर रहा है। मतलब यह कि जैसे दूसरी बीमारी होती हैं और उससे लोग ठीक हो जाते हैं, कुछ वैसा ही कोरोना भी बनकर रह जाएगा। यह पूरी तरह से भले ही खत्म न हो, लेकिन यह खतरनाक या कहिए जानलेवा नहीं रह जाता।