Delta Plus Variant: पहले के कोरोना वायरस से 172 फीसदी ज्यादा संक्रामक, खत्म कर देता है शरीर में बनी एंटीबॉडी! एक्सपर्ट भी हैरान

<p>
कोरोना की तीसरी लहर महाराष्ट्र में दस्तक दे चुकी है। राज्य में कोरोना के केस फिर से बढ़ने लगे। तीसरी लहर के लिए कोरोना के नए वेरिएंट को जिम्मेदार बताया जा रहा है। इस वेरिएंट का नाम डेल्टा प्लस है। कोरोना का नया वायरस डेल्टा प्लस बेहद खतरनाक है। इस वेरिएंट को लेकर अब जानकारियां सामने आ रही हैं। नए अध्ययन से अब यह स्पष्ट हो रहा है कि डेल्टा वेरिएंट शुरुआती कोरोना वायरस से करीब 172 फीसदी ज्यादा संक्रामक है। इसी प्रकार डेल्टा प्लस में हुए म्यूटेशन से यह संक्रामकता और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।</p>
<p>
एक शोध में कहा गया है कि डेल्टा वेरिएंट अल्फा से 60 फीसदी ज्यादा संक्रामक है। अल्फा वेरिएंट पहली बार यूके में मिला था। यूके में अल्फा को ही दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार माना जाता है। अल्फा वेरिएंट शुरुआती कोरोना वायरस की तुलना में 70 फीसदी ज्यादा संक्रामक था। निष्कर्ष यह निकलता है कि डेल्टा वेरिएंट शुरुआती वायरस की तुलना में 172 फीसदी ज्यादा संक्रामक हो चुका है। अभी 90 से अधिक देशों में इसका प्रसार है तथा संक्रमण में सर्वाधिक भूमिका इसी की है।</p>
<p>
दावा किया जा रहा है कि ये न सिर्फ शरीर में बनी हुई एंटीबॉडी को खत्म करता है बल्कि फेफड़ों की कोशिकाओं को भी बहुत जल्दी संक्रमित करके मार देता है। ऐसे में चिंता इस बात की होने लगी है कि अगर लोगों को दी गई वैक्सीन के बाद यह वायरस शरीर में प्रवेश करेगा तो क्या वैक्सीन से बनी हुई एंटीबॉडी भी खत्म कर देगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर आईसीएमआर और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने दिशा में अब शोध शुरू कर दिया है।</p>
<p>
देश में डेल्टा प्लस की दस्तक के बाद इस पर शोध करने वाले चिकित्सकों ने पाया है कि यह स्वरूप बेहद घातक है। संक्रमित मरीजों पर हुए शोध के बाद पाया गया कि यह वायरस शरीर में बीमारी के खिलाफ बने एंटीबॉडी को बहुत तेजी से खत्म करने लगता है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह प्रक्रिया बेहद खतरनाक है। डेल्टा प्लस वैरिएंट के अब तक अपने देश में 40 से ज्यादा नए मामले आ चुके हैं जबकि एक मरीज की मौत भी हो चुकी है। यही वजह है कि आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वॉयरोलॉजी ने मिलकर डेल्टा प्लस पर शोध करना शुरू कर दिया है। डेल्टा प्लस पर अभी शोध जारी हैं लेकिन जो अनुमान लगाए जा रहे हैं, उनके अनुसार इसमें जो नया म्यूटेशन के417एन हुआ है, वह म्यूटेशन पहले दक्षिण अफ्रीका में मिले बीटा वेरिएंट में पाया गया था।</p>

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago