भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। रक्षा मंत्र ने सैन्य कमांडरों को विवादित सीमाओं पर चीनी कार्रवाई और सैन्य वार्ता के दौरान उसकी मंशा के बारे में सावधान रहने को कहा।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ व्याप्त सीमा तनाव इस साल के इस चार दिवसीय सम्मेलन में विचार-विमर्श का मुख्य केंद्र है। मंत्री के संबोधन के बारे में निजी सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि सिंह ने कहा है कि बातचीत को ईमानदारी से और समाधानी के साथ विश्वास के माहौल में आयोजित किया जाना चाहिए। रक्षा मंत्री ने यह भी संकेत दिया कि चीनी मंशा संदिग्ध होने के बाद से विश्वास में कमी आई है।
इस बीच सिंह ने सोशल मीडिया पर भी अपनी बात रखी। रक्षा मंत्री सिंह ने ट्वीट किया, "नई दिल्ली में आज सैन्य कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित किया। मौजूदा सुरक्षा माहौल में भारतीय सेना द्वारा उठाए गए कदमों पर मुझे बेहद गर्व है।"
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<p dir="ltr" lang="en">Addressed the Army Commanders’ Conference in New Delhi today. I’m extremely proud of the initiatives undertaken by the Indian Army in the current security environment.</p>
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) <a href="https://twitter.com/rajnathsingh/status/1321363560513986560?ref_src=twsrc%5Etfw">October 28, 2020</a></blockquote>
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उन्होंने कहा, "सुधारों के मार्ग पर आगे बढ़ रही सेना को हर सुविधा देने और सभी क्षेत्रों में बढ़त हासिल करने में मदद के लिए रक्षा मंत्रालय प्रतिबद्ध है। हम अपने सशस्त्र बलों की भुजाओं को मजबूत बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।"
उन्होंने सुरक्षा बलों में अपना विश्वास व्यक्त किया और कहा कि वर्तमान सुरक्षा वातावरण में भारतीय सेना द्वारा की गई पहल पर उन्हें बहुत गर्व है। सेना की सराहना करते हुए सिंह ने कहा कि आजादी के बाद से देश की संप्रभुता और सुरक्षा से जुड़ी कई चुनौतियों का बल ने सफलतापूर्वक समाधान दिया है।
उन्होंने कहा, "चाहे वह आतंकवाद की समस्या हो, उग्रवाद या बाहरी आक्रमण, सेना ने उन खतरों को नाकाम करने में हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।" इससे पहले मंगलवार को भारत-अमेरिका टू प्लस टू वार्ता के दौरान सिंह ने कहा था कि उत्तरी सीमाओं पर चीन की अंधाधुंध आक्रामकता से भारत को चुनौती मिली है।
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर पिछले छह महीने से गतिरोध बना हुआ है। गतिरोध को दूर करने के लिए दोनों पक्षों में कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। दोनों देशों के बीच सात सैन्य कमांडर स्तर की बैठकें हुई हैं, मगर सीमा का मुद्दा अनसुलझा है।.
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