Corona काल में आंख-नांक या सिर में दर्द हो तो इग्नोर न करें, लापरवाही की तो आंख निकालनी पड़ेगी या जान से हाथ पड़ेगा धोना!

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कोरोना काल में आंख-नाक या सिर मे दर्द हो तो इग्नोर न करें, ये नया कोरोना है। लापरवाही करने पर आंख निकालनी पड़ सकती है। क्यों कि अगर ऐसा न किया तो जान से हाथ धोना पड़ सकता है। दरअसल, कोरोना काल में आंख-नाक और सिर दर्द को सामान्य मान कर इलाज शुरू कर दिया जाता है। यही मरीजों पर भारी पड़ जाता है। </p>
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हर दिन कोरोना से हजारों लोग मर रहे हैं। अब कोरोना से ठीक होने के बाद एक एक नई बीमारी से लोग संक्रमित हो रहे हैं। इस नए बीमारी का नाम मिकोर माइकोसिस है। इस नई बीमारी से लोग तेजी से संक्रमित हो रहे हैं। सूरत में अब तक 40 लोग इसके चपेट आ चुके हैं। जिसमें 8 लोगों की आंख निकालनी पड़ी है। यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि समय पर इसका इलाज न होने पर मरीज की आंख निकालनी पड़ती या उसकी मौत हो जाती है।</p>
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इस नई बीमारी का नाम मिकोर माइकोसिस बताया जा रहा है। सूरत में 15 दिन के भीतर ऐसे 40 से अधिक केस सामने आए हैं, जिनमें 8 मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी हैं। डाक्टरों की माने तो मिकोर माइकोसिस एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन है, जो नाक और आंख से होता हुआ ब्रेन तक पहुंच जाता है और मरीज की मौत हो जाती है। कोरोना से संक्रमित होने के बाद मरीज आंख दर्द, सिर दर्द आदि को इग्नोर करता है। यह लापरवाही मरीज को भारी पड़ती है। शहर के किरण हॉस्पिटल में ईएनटी विशेषज डॉक्टर संकेत शाह बताते हैं कि कोरोना ठीक होने के बाद यह फंगल इंफेक्शन पहले साइनस में होता है और 2 से 4 दिन में आंख तक पहुंच जाता है।  इसके 24 घंटे के भीतर यह ब्रेन तक पहुंच जाता है। इसलिए आंख निकलनी पड़ती है।  </p>
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साइनस और आंख के बीच हड्डी होती है, इसलिए आंख तक पहुंचने में दो से ज्यादा दिन लगते हैं। आंख से ब्रेन के बीच कोई हड्डी नहीं होने से यह सीधा ब्रेन में पहुंच जाता है और आंख निकालने में देरी होने पर मरीज की मौत हो जाती है। डॉक्टर संकेत शाह की माने तो यह फंगल इंफेक्शन सबसे पहले कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों पर अटैक करता है। इलाज के दौरान दी गई दवाई से भी बॉडी पर बुरा असर डालती हैं। सिर में असहनीय दर्द, आंख लाल होना, तेज दर्द होना और पानी गिरना, आंख का मूवमेंट नहीं होना जैसे लक्षण मिलें तो तुरंत इलाज लेने की जरूरत है।  </p>
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एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना के ठीक होने के बाद 2 से 3 दिन के भीतर इसके लक्षण नजर आते हैं।  सूरत के अस्पताल में भर्ती मरीज ज्यादातर सौराष्ट्र और राज्य के अलग अलग क्षेत्रों से आए हैं। डॉक्टर की मानें तो अबतक 40 से ज्यादा केस उनके पास आ चुके हैं और उसने से आठ लोगों की आंख निकालनी पड़ी है। कोरोना से बचने के बाद इस नई बीमारी मिकोर माइकोसिस से बचने का एकमात्र उपाय है समय पर इलाज करा लेना। लक्षण दिखे तो मरीज तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।</p>

आईएन ब्यूरो

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