प्रकाशोत्सव पर्व दीपावला (Deepawali 2020) 14 नवंबर को पूरे देश में मनाई जा रही है। दिवाली उत्सव (Diwali Celebration) की शुरुआत धनतेरस से होती है। दिवाली (Diwali 2020) पर पूजा के कई शुभ योग बन रहे हैं (Diwali Puja Shubh Yog)। शुभ मुहूर्त (Diwali Shubh Muhurat) में लक्ष्मी पूजा (lakshmi puja shubh muhurat) की जाए तो मां की विशेष कृपा होती है। कार्तिक मास की अमावस्या पर दिवाली का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा होती है। इस साल कार्तिक अमावस्या 14 नवंबर 2020, शनिवार को दोपहर 2 बजकर 17 मिनट (Diwali 2020 Puja timing) के बाद से लग जाएगी। बह्मपुराण के अनुसार, अर्द्धरात्रि व्यापिनी मतलब आधी रात तक रहने वाली अमावस्या ही श्रेष्ठ मानी जाती है। <span style="color: #ff0000;">(ये भी पढ़ेंः</span> <a href="https://hindi.indianarrative.com/kala/cm-yogi-adityanath-ayodhya-suffered-a-lot-of-humiliation-but-no-more-17731.html">CM Yogi in Ayodhya : अयोध्या ने बहुत अपमान सहा, पर अब और नहीं)</a>
<strong>प्रदोष काल में करें दीपदान </strong>
प्रदोष काल (संध्याकाल) में मंदिर में दीपदान, रंगोली बनाने और पूजा से जुड़ी अन्य तैयारी कर लेनी चाहिए। इन सभी कार्यों को प्रदोष काल में करना शुभ माना जाता है। साथ ही द्वार पर स्वास्तिक और शुभ-लाभ लिखने का कार्य भी इस दौरान किया जा सकता है। इस काल में भी लक्ष्मी पूजा की जासकती है, प्रदोष काल शाम 5 बजकर 28 से शुरू होगा। <span style="color: #ff0000;">(ये भी पढ़ेंः</span> <a href="https://hindi.indianarrative.com/india/diwali-2020-pm-narendra-modis-request-to-light-a-lamp-for-soldiers-17738.html">Diwali 2020: पीएम मोदी का सैनिकों के लिए एक दीया जलाने का निवेदन)</a>
<strong>निशीथ काल में करें लक्ष्मी पूजन</strong>
दिवाली के दिन निशीथ काल रात में लगभग 8 बजे से लेकर लगभग रात 11 बजे तक रहेगा। निशीथ काल में धन की देवी लक्ष्मी का आह्वान एवं पूजन, गल्ले की पूजा तथा हवन आदि कार्य पूरे कर लेने चाहिए। इसके साथ ही महालक्ष्मी पूजन, महाकाली पूजन, लेखनी कुबेर, पूजन व अन्य मंत्रों का जप करना भी शुभ रहता है। <strong>निशीथ काल मुहूर्त</strong>- रात में 08.08 बजे से 10.51 बजे तक है।
<strong>दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के लिए सामग्री-</strong>
पान, रोली, मौली, सुपारी, अक्षत, धूप, घी का दीपक, तेल का दीपक, खील, बताशे, श्रीयंत्र, शंख , घंटी, चंदन, जलपात्र, कलश, पंचामृत, गंगाजल, सिन्दूर, नैवेद्य, इत्र, जनेऊ, कुमकुम, पुष्पमाला, फल, कर्पूर, नारियल, इलायची, दूर्वा, कमल का पुष्प, वस्त्र।
<strong>दिवाली शुभ मुहूर्त</strong>
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 17:28 से 19:24
अवधि – 1 घण्टा 56 मिनट्स
प्रदोष काल -17:28 से 20:07
वृषभ काल – 17:28 से 19:24
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – नवंबर 14, 2020 को 14:17 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – नवंबर 15, 2020 को 10:36 बजे
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