Farmers Protest: किलेबंदी और कीलबंदी पर सरकार क्यों मजबूर!

<p>
किसानों के नाम पर शुरू किए गए आंदोलन में हिंसा कहां से आई? एमएसपी की गारंटी को लेकर शुरू हुआ आंदोलन तीनों कृषि कानूनों की वापसी तक कैसे पहुंचा? कानूनों के बारे में आंदोलनकारी नेता भ्रम फैलाने के बजाए सही तर्क सामने क्यों नहीं रख रहे? गणतंत्र दिवस पर हुए हंगामे और तिरंगे के अपमान के बावजूद फिर से सरकार के खिलाफ लामबंदी क्यों? ये तमाम सवाल हैं जो आंदोलन पर बैठे लोगों की नीयत में खोट पैदा करता है। हिंदी में एक कहावत है कि दूध की जली बिल्ली छांछ भी फूंक-फूंक कर पीती है। 26 जनवरी के दंगों से सतर्क हुई पुलिस ने दिल्ली के बॉर्डर्स को सील किए बैठे आंदोलनकारियों के खिलाफ किलेबंदी और कीलबंदी की रणनीति बनाई है। </p>
<p>
<strong>यह भी देखें- <span style="color:#f00;"><a href="https://hindi.indianarrative.com/india-news/farmers-protest-twitter-suspends-high-profile-twitter-accounts-spreading-fake-information-24374.html">सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन को लेकर हो रही हैं साजिशें</a></span></strong></p>
<p>
26 जनवरी को देश गणतंत्र दिवस का जश्न मनाता है। किसानों ने इसी दिन राजधानी की सड़कों पर ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) निकालने का ऐलान कर दिया। सरकार, पुलिस और प्रशासन सभी की तरफ से प्रदर्शनकारी किसानों से अपील की गई इससे कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। किसान संगठन के नेताओं ने ट्रैक्टर रैली शांतिपूर्ण तरीके से निकालने की बात कही। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हजारों की संख्या में ट्रैक्टर दिल्ली पहुंचे। 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया, लेकिन ये रैली कंट्रोल से बाहर हो गई। ट्रैक्टर रैली,<strong> स्टंटबाजी</strong> में बदल गई और अराजकतत्वों ने इस मौके का फायदा उठाते हुए जमकर उत्पात मचाया। लाल किला पर जो कुछ हुआ उसे पूरे देश ने देखा। राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया। लाल किला के अंदर जमकर तोड़फोड़ की गई। दिल्ली के कई हिस्सों में पुलिस पर पत्थरबाजी की गई। कुल मिलाकर किसान नेताओं ने ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान तो कर दिया। लेकिन नेता 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर रैली को कंट्रोल नहीं कर सके। </p>
<p>
किसानों ने अब फिर 6 फरवरी को देशव्यापी चक्का जाम का ऐलान कर दिया है। पुलिस ने पिछली गलती से सबक लेते हुए अब किसान आंदोलन को गाजीपुर बॉर्डर पर ही सीमित करने का कदम उठाया है। किसान आंदोलन से किसी को परहेज नहीं, लेकिन इस आंदोलन की आड़ में कुछ मौकापरस्त लोग मौके का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। राजधानी में 26 जनवरी जैसे हालात दोबारा नहीं हो, इसके लिए गाजीपुर बॉर्डर पर घेराबंदी, तारबंदी और कीलबंदी की जा रही है। </p>
<p>
<strong>बॉर्डर पर सड़क खोदी, कई लेयर की बैरिकेडिंग</strong></p>
<p>
गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने कई लेयर की बैरिकेडिंग लगाई है। यहां नुकीली तारें भी बिछाई गई हैं। गाजीपुर की तरफ से नेशनल हाइवे-9 को सील कर दिया गया है। अब दिल्ली की तरफ से प्रदर्शन स्थल पर सीधे पहुंचना लगभग नामुमकिन है। कुछ प्रदर्शनकारी किनारे से निकलकर जा रहे थे, अब वहां भी जेसीबी से खुदाई कर दी गई है। टीकरी बॉर्डर पर नुकीले सरिए बिछाए जाने के बाद बैरिकेड पार करना अब मुमकिन नहीं है। गाजीपुर बॉर्डर की ही तरह सिंघु बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर्स को भी  दिल्ली पुलिस ने सील कर दिया है। 26 जनवरी से पहले बॉर्डरों को जो सील किया गया था वो इस समय सील किए जाने से एकदम अलग है।</p>
<p>
<strong>ट्विटर अकाउंट सस्पेंड किए गए</strong></p>
<p>
सोशल मीडिया पर भी किसान आंदोलन को लेकर गलत जानकारी फैलाई जा रही है। प्रोपेगंडा रोकने के लिए 250 से ज्यादा हाई-प्रोफाइल ट्विटर अकाउंट सस्पेंड किए गए हैं। इसके अलावा क्षेत्र में आवश्यकता अनुसार  इंटरनेट सेवा भी बंद की जा रही है। </p>
<p>
<strong>फिर से माथे पर न लग जाए कलंक</strong></p>
<p>
कुल मिलाकर लब्बोलुवाब यह है कि सरकार और दिल्ली पुलिस किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती। आंदोलनकारियों को यह कहने का मौका नहीं देना चाहती कि यहां बैरिकेडिंग थी लेकिन आगे खोल रखा था। सरकार और पुलिस दिल्ली की ओर बढ़ने वाले रास्ते ही नहीं बल्कि नालों और खाईयों को भी सील कर रही है। नालों में जाली लगाई जा रही हैं तो खाईओं में कंटीले तारों से नाथ दिया गया है। क्यों कि आम आदमियों को होने वाली दिक्कतों से निपटा जा सकता है लेकिन आंदोलनकारी के एक गलत कदम से अगर एक बार फिर भारत के माथे पर कलंक लगा तो उसे मिटाना असंभव हो जाएगा। </p>

अतुल तिवारी

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago