यह किसानों का आंदोलन तो नहीं है!

किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक 2020, किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक का विरोध करने के नाम पर दिल्ली आए लोग कह रहे हैं कि इंदिरा को ठोक दिया था, मोदी को भी ठोक देंगे। किसानों के वेश में जो लोग आंदोलन में शामिल हैं या समर्थन कर रहे हैं, उनका एक ही उद्देश्य है केंद्र सरकार, भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करना।

कुछ ऐसे तथाकथित आंदोलनकारी भी किसानों को उकसा रहे हैं, जो नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 का विरोध करने के लिए शाहीन बाग जाते थे। हैरानी की बात है कि इंदिरा गांधी को ठोकने और खालिस्तान समर्थक नारे लगने के बावजूद कांग्रेस और अन्य दलों के नेता तथाकथित किसानों के आपत्तिजनक नारों पर चुप्पी साधे हुए हैं। क्या कांग्रेस को इंदिरा को ठोक दिया था, धमकी पर कोई एतराज नहीं है?

मीडिया में आई विभिन्न रिपोर्ट में बताया गया है कि पंजाब में आंदोलन कर रहे लोगों की राज्य की कांग्रेसी सरकार की तरफ से पूरी मदद की जा रही है। आंदोलनकारियों को राशन मुहैया कराया जा रहा है। कृषि विधेयकों के विरोध में आंदोलन के कारण पिछले सप्ताह तक उत्तरी रेलवे को 891 करोड़ के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा। भारतीय रेलवे को भी 2220 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। कृषि विधेयकों पर उठाए गए सवालों पर केंद्र सरकार के स्पष्टीकरण और न्यूनतम समर्थन मूल्य को जारी रखने के दावे के बाद किसान संगठनों ने आंदोलन समाप्त कर दिए थे।

मीडिया में आई रिपोर्ट बताती हैं कि आंदोलन के पीछे बड़ी साजिश है। किसान आंदोलन में जालीदार टोपी पहने लोग दिखाई दे रहे हैं। लोगों के लिए मस्जिदों से खाना बांटा जा रहा है। शाहीन बाग में शामिल नजीर मोहम्मद सरीखे लोग सरदारों की पगड़ी बांधे घूम रहे हैं। शाहीन बाग में बैठने वाली वृद्ध मोमिना भी किसान बनकर साथ चल रही है। ये तो कुछ नमूने हैं। शाहीन बाग आंदोलन और दिल्ली में दंगे कराने की साजिश का पदार्फाश होने के बाद ऐसे आंदोलन की सच्चाई भी जनता के सामने आएगी।

जिस तरह की गलती इंदिरा गांधी ने जरनैल सिंह भिंडरावाले को बढ़ाकर की थी, उसी तरह की गलती फिर से पंजाब में कांग्रेस की अमरिंदर सरकार कर रही है। अमरिंदर सरकार में खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियां बढ़ रही हैं। चर्चा तो यह भी थी कि दिल्ली पहुंचकर कुछ लोग खालिस्तानी झंडे भी फहरा सकते थे। कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण लोग पहले से परेशान हैं। सभी के कारोबार पर असर पड़ा है। दिल्ली में कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को खुद दिल्ली की बिगड़ी हालत पर बैठक करनी पड़ी। अर्धसैनिक बलों के चिकित्सकों को काम पर लगाया गया। ऐसे में कृषि विधेयकों के विरोध की आड़ में दिल्ली में डेरा जमाने की मंशा से आने वाले लोगों के कारण परेशानी और बढ़ सकती है।

कृषि विधेयकों का विरोध सबसे ज्यादा पंजाब में ही क्यों हो रहा है? क्योंकि वहां सरकार ही लोगों को आंदोलन के लिए तैयार कर रही है। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने भी पंजाब में सोफेदार ट्रैक्टर में बैठकर आंदोलन की अगुवाई की थी। यह भी गौर करने वाली बात है कि पिछले साल पंजाब और हरियाणा से 80 फीसदी धान और 70 फीसदी गेंहू सरकार ने खरीदा था। एकमात्र भाजपा ही किसानों का हित करने वाली पार्टी है। राजनीतिक दलों ने किसानों को अपनी राजनीति के लिए इस्तेमाल किया है। किसानों के खाते में केंद्र सरकार धन पहुंचा रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने बार-बार कहा है कि हमारा लक्ष्य किसानों की आय दोगुणी करना है। कृषि सुधार से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए अवसर मिलेंगे जिनसे किसानों का मुनाफा बढ़ेगा। किसानों को आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, किसान मजबूत होंगे। इन विधेयकों के कारण बिचौलियों की भूमिका खत्म होने के कारण आढ़त करने वाले तथाकथित किसान नेताओं को यह बिल नहीं भाए हैं। कृषि विधेयकों से एमएसपी का कोई संबंध नहीं है।

किसानों में भ्रम फैलाया जा रहा है कि एमएसपी समाप्त कर दी जाएगी। नागरिकता संशोधन कानून का जिस तरह इस देश के नागरिक से कोई संबंध नहीं है, उसी तरह एमएसपी का कृषि विधेयकों से कोई लेना-देना नहीं है। विरोधी दलों की भ्रम फैलाने की राजनीति ज्यादा दिन नहीं चलेगी।.

डॉ. शफी अयूब खान

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

7 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

7 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

7 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

7 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

7 months ago