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भारतीय सेना को मिली कमाल की देसी तोप, बोफोर्स की ताकत को पछाड़ लाल किले पर बनाया नया रिकार्ड

मेड-इन-इंडिया तोप से दी सलामी

देशभर में स्वतंत्रता दिवस के 75साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इस अवसर पर देश के प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले पर तिरंगा झंडा फहराया। खास बात आज पहली बार तिरंगे को स्वदेशी तोप की सलामी दी गई। जिसके लिये रोजाना सुबह अभ्यास भी किया गया और इसकी निगरानी के लिए किला परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। कंट्रोल रूम से इस पर नजर रखी गई। आज सुबह जब पीएम मोदी ने लाल किले पर तिरंगा फहराया तो 21तोपों की सलामी दी गई और इसमें वे स्वदेशी तोप भी शामिल रही है। मालूम हो यह बेहद खास तरह की टॉप है, जिसे दुनिया की उन तोपों में शामिल किया गया है जो सबसे लम्बी दूरी तक दुश्मन के ठिकाने को चकनाचूर कर देती है। ये टॉप DRDO द्वारा निर्मित स्वदेशी हॉवित्जर गन है जिसे ATAGS (Advanced Towed Artillery Gun System) कहा जाता है।

 बोफोर्स से बढ़िया है स्वदेशी तोप

DRDO की इस तोप को काफी शक्तिशाली बताया गया है। यह माइनस 30डिग्री के ठंडे तापमान से लेकर 75डिगी के गर्म तापमान में भी दुश्मन को ठिकाने को ध्वस्त करने में सक्षम है। यह 48किलोमीटर की रेंज तक मार कर सकती है। 155एमएम कैलिबर की इस तोप से 155एमएम के गोले दागकर दुश्मन को छक्के छुड़ाए जा सकते हैं। इसके अलावा इसकी तुलना अगर बोफोर्स से की जाए तो स्वदेशी तोप काफी बेहतर साबित होती है। ऐसे में जहां बोफोर्स की रेंज 32किलोमीटर है, वहीं स्वदेशी तोप 48किलोमीटर तक मार कर सकती है। बोफोर्स एक मिनट में 3राउंड की फायर करने में सक्षम है, जबकि DRDO की तोप एक मिनट में 5राउंड तक फायर कर सकती है।  इस लिहाज से देखें तो स्वदेशी तोप कहीं ज्यादा बेहतर है।

ऐसे दी जाती है सलामी

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले में 21तोपों की सलामी देने का रिकॉर्ड रहा है।  इस मौके पर आयोजित होने वाले कार्यकम में सलामी देते समय ब्लैंक गोले फायर किए जाते हैं। इन गोलों में बारूद तो होता है, लेकिन किसी तरह के प्रोजेक्टाइल का इस्तेमाल नहीं किया जाता। बारूद के कारण सलामी देते समय सिर्फ धमाके होते हैं और किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक गोले का वजन करीब 11.5किलो तक होता है।

खास बात है कि यह तोप रात में भी निशाना लगाने में सक्षम है। यह तोप रात में निशाना लगा सके, इसके लिए इसमें थर्मल साइट सिस्टम लगाया गया है। इस तरह यह दिन और रात दोनों समय निशाना साध सकती है। यह एक मिनट में 5 गोले दागती है। 8060 बैरल की लंबाई वाली यह तोप जंग के मैदान में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी तैनात किया जा सकता है।